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फिल्म प्रमोशन का बदलता तरीका: कैसे तय होती है फिल्म की सफलता?

मुंबई, Aug 22, 2024

भारतीय फिल्म उद्योग में हर साल करीब 1500 से 2000 फिल्में बनती हैं, लेकिन हर फिल्म हिट नहीं हो पाती। कुछ फिल्में तो बिना किसी शोर-शराबे के आई-गई हो जाती हैं। फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए प्रमोशन का एक खास तरीका अपनाया जाता है, और समय के साथ इस प्रमोशन के तरीके भी बदल गए हैं।

पहले के दौर में फिल्म के प्रमोशन के लिए पोस्टर्स को शहर और गांव की दीवारों पर लगाया जाता था। ऑटो रिक्शा और टेंपो में माइक के जरिए फिल्म का प्रचार होता था। लेकिन अब, फिल्म प्रमोशन का तरीका पूरी तरह से बदल चुका है।

आज के समय में, फिल्म प्रमोशन की शुरुआत पोस्टर रिलीज से होती है, फिर टीजर और ट्रेलर लॉन्च किए जाते हैं। ट्रेलर आज के दौर में फिल्म की सफलता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। दर्शक ट्रेलर देखकर ही अंदाजा लगा लेते हैं कि फिल्म हिट होगी या फ्लॉप। ट्रेलर लॉन्च इवेंट पर आजकल सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है, और यह इवेंट मीडिया और फैंस के लिए एक बड़ी खबर बन जाता है।

फिल्म प्रमोशन के दौरान एक्टर्स और फिल्म से जुड़े अन्य कलाकार विभिन्न शहरों में जाकर मॉल्स, सिनेमा घरों, और टीवी शोज में फिल्म का प्रचार करते हैं। स्पेशल सॉन्ग लॉन्च, रियलिटी शो में नजर आना, और मंदिर-मस्जिद में जाकर पूजा-अर्चना करना भी प्रमोशन का हिस्सा बन गए हैं। सोशल मीडिया पर भी सेलिब्रिटी के प्राइवेट विजिट्स के वीडियो लीक हो जाते हैं, जिससे फिल्म की चर्चा और बढ़ जाती है।

फिल्म प्रमोशन में इतनी मेहनत के बावजूद, अंत में वही फिल्म हिट होती है जो सच में अच्छी बनी होती है। निर्माता, निर्देशक, और एक्टर्स हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन दर्शकों की पसंद और फिल्म की गुणवत्ता ही उसकी सफलता की असली कुंजी होती है।

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