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स्वाधीनता आन्दोलन में सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान : नरेन्द्र ठाकुर

प्रतीक खरे

दो दिवसीय अवध चित्र साधना फिल्म फेस्टिवल का हुआ शुभारंभ

लखनऊ,16 नवंबर 2024

दो दिवसीय अवध चित्र साधना फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ शनिवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेई सभागार में दीप प्रज्ज्वल के साथ हुआ।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि फिल्म केवल मनोरंजन का साधन नहीं है। मनोरंजन के साथ लोगों को प्रेरणा देने का काम और समाज जीवन को बदलने और व्यक्ति को प्रभावित करने का काम फिल्म करती है। स्वाधीनता आन्दोलन में सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। स्वाधीनता के लिए युवाओं को प्रेरित करने का काम फिल्मों ने किया है। वहीं सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में भी फिल्मों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ठाकुर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होने के कारण लोगों को अपना मत व्यक्त करने का अधिकार है लेकिन समाज को ध्यान में रखकर क्या कंटेंट जाना चाहिए क्या नहीं जाना चाहिए। इसलिए ओटीटी पर सरकार को नियम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अच्छी फिल्म बन रही है। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। जिस फिल्म में अच्छे कंटेंट नहीं है उसके बारे में बोलना भी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि फिल्म निर्माण में भारतीय दृष्टि होनी चाहिए। भारतीय दृष्टि से आशय समाज का भला जिसमें हो। उन्होंने कहा कि जैसे देवर्षि नारद पत्रकारिता के आदिपुरुष थे। उसी प्रकार दादा साहब फाल्के पहले भारतीय फिल्म निर्माता थे। पहली फिल्म उन्होंने राजा हरिश्चन्द्र पर बनाई थी। हरिश्चन्द्र सत्य के प्रतीक थे। भारत की संस्कृति व देश के लिए अगर परिवार व स्वयं का भी बलिदान देना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।  

विशिष्ट अतिथि के रूप में फिल्म निर्माता अतुल पांडे ने कहा कि फिल्म निर्माण में शोध व लेखन बहुत आवश्यक है। अच्छी फिल्मों के लिए शोध परक लेखन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि
हम चाहे तो दुनिया बदल सकते हैं। हम वह कौम है जो चन्द्रमा पर बम फोडते। दुनिया में हर छठा आदमी भारत का है और भारत में हर छठा आदमी उत्तर प्रदेश का है इसलिए अगर हम चाह लें तो कुछ भी कर सकते है। 

वहीं अवध चित्र साधना के अध्यक्ष डा. गोविन्द पाण्डेय ने फिल्म महोत्सव में आई फिल्मों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन. एम. पी. वर्मा ने की।

उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय यह फिल्म फेस्टिवल अवध चित्र साधना तथा जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है।

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