मनोरंजन डेस्क, 5 दिसंबर 2025:
लंदन के प्रसिद्ध लीसेस्टर स्क्वायर में बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (DDLJ) की 30वीं वर्षगांठ पर शाहरुख खान और काजोल का ब्रॉन्ज स्टैच्यू लगाया गया। यह मूर्ति फिल्म के मशहूर पोज में बनाई गई है। जहां पहले से ही हैरी पॉटर, वंडर वुमन और बैटमैन जैसे वैश्विक कैरेक्टर्स मौजूद हैं। अनावरण समारोह में शाहरुख ब्लैक सूट में और काजोल नीली साड़ी में शामिल हुए।
फिल्म ने विदेशों में भारतीय सिनेमा की बनाई पहचान
स्टैच्यू का अनावरण होते ही शाहरुख खान भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि लंदन और खासकर लेस्टर स्क्वायर से उनका पुराना रिश्ता रहा है। शाहरुख के अनुसार, यूके वह पहला देश था जहां भारतीय फिल्मों को बड़े स्केल पर पहचान मिली और DDLJ ने ग्लोबल लेवल पर भारत के सिनेमा को नई पहचान दिलाई। उन्होंने याद किया कि फिल्म को छुट्टी की तरह शूट किया गया था और किसी को अंदाजा नहीं था कि यह इतनी बड़ी हिट बन जाएगी।

DDLJ सिर्फ फिल्म नहीं, कई बन गई परिवारों की परंपरा
काजोल ने फिल्म की शूटिंग के मजेदार किस्से सुनाए। उन्होंने बताया कि बस वाले सीन के दौरान बहुत ठंड थी, बारिश हो रही थी और टीम के कई लोग समय पर नहीं पहुंच पाए थे, फिर भी शूट पूरा किया गया। काजोल के मुताबिक, DDLJ दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखी गई फिल्मों में से एक बनी और आज भी लोग बताते हैं कि उन्होंने यह फिल्म देखकर शादी करने का फैसला किया-यानी यह फिल्म दर्शकों की भावनाओं में बसी हुई है।
हैरी पॉटर और बैटमैन के बीच जगह मिलना बड़ी उपलब्धि
यशराज फिल्म्स के सीईओ अक्षय विधानी के अनुसार, ‘राज-सिमरन’ का स्टैच्यू ग्लोबल आइकॉन के बीच लगना भारतीय सिनेमा की शक्ति को दिखाता है। हार्ट ऑफ लंदन बिजनेस अलायंस के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क विलियम्स ने कहा कि DDLJ भारत की एक पूरी पीढ़ी का हिस्सा है और अब यह एक वैश्विक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुकी है।
जहां फिल्म शूट हुई, वहीं स्टैच्यू स्थापित करना बनाता है खास
इस स्टैच्यू को सैली रेजिस ने डिजाइन किया है। उनके अनुसार, यह 30वीं वर्षगांठ का अनूठा जश्न है और चूंकि DDLJ का कुछ हिस्सा लीसेस्टर स्क्वायर में शूट हुआ था, इसलिए यह मूर्ति अपनी सही जगह पर लगाई गई है। 1995 में आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म आज भी मुंबई के मराठा मंदिर में लगातार चल रही है, जिससे यह भारत की सबसे लंबी चलने वाली फिल्म बन चुकी है।






