दिल्ली : बदला जाएगा तालकटोरा स्टेडियम का नाम, “भगवान महर्षि वाल्मीकि स्टेडियम”  होगा – भाजपा नेता प्रवेश वर्मा

ankit vishwakarma
ankit vishwakarma

नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रवेश वर्मा ने सोमवार को कहा कि वे 8 फरवरी के बाद नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) की पहली बैठक में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम का नाम बदल देंगे। 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पत्रकारों से बात करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि स्टेडियम का नाम बदलकर “भगवान महर्षि वाल्मीकि स्टेडियम” रखा जाएगा।

श्री वर्मा ने कहा कि “यदि हम अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत समुदायों का उत्थान नहीं करेंगे तो देश प्रगति नहीं कर सकेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि स्टेडियम का नाम बदलने के लिए वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों से उन्हें कई आवेदन प्राप्त हुए हैं।

संत वाल्मीकि हिंदू महाकाव्य रामायण के लेखक थे और उन्हें ‘आदि कवि’ या संस्कृत भाषा के पहले कवि के रूप में सम्मानित किया जाता है।

मुगलकालीन तालकटोरा गार्डन के नाम पर बना तालकटोरा स्टेडियम 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों की मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं की मेज़बानी के लिए जाना जाता है। यहाँ कई अन्य खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

श्री वर्मा ने कांग्रेस पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि वे हवाई अड्डों और स्टेडियमों का नाम अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर रखते थे।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नई दिल्ली सीट बड़े अंतर से जीतेगी और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी जमानत जब्त कर लेंगे और तीसरे स्थान पर रहेंगे।

इस निर्वाचन क्षेत्र से श्री वर्मा का मुकाबला श्री केजरीवाल और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित से है, जो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम 20,000 से अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे। यह 25,000-26,000 हो सकता है। अरविंद केजरीवाल यहां अपनी जमानत गंवा देंगे और तीसरे स्थान पर रहेंगे।”

दिल्ली में बुधवार को एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

जहां केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप लगातार तीसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है, वहीं भाजपा ने 25 साल से अधिक समय के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हासिल करने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।

कांग्रेस, जिसने 2013 तक 15 वर्षों तक राजधानी पर शासन किया था, पिछले दो चुनावों में एक भी सीट न जीत पाने के बाद अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए प्रयासरत है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *