Uttar Pradesh

माफिया बबलू श्रीवास्तव अभी रहेगा सलाखों के पीछे, रिहाई की दया याचिका खारिज

लखनऊ 7 नवंबर 2024:

करीब 31 साल से सजा काट रहे माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका राज्यपाल ने खारिज कर दी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान जुर्म की दुनिया की तरफ कदम बढ़ाने वाले इस माफिया को वर्ष 1993 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में सनसनीखेज तरीके से हुई कस्टम कलक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई थी। इस मामले में बबलू पर टाडा (आतंकवाद और विघटनकारी गतिविधि निरोधक अधिनियम) भी लगाया गया था। कानपुर की टाडा कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।

59 वर्षीय बबलू करीब 25 साल से बरेली सेंट्रल जेल में बंद है। लखनऊ के निरालानगर के रहने वाले बबलू की रिहाई के लिए दायर याचिका पर लखनऊ पुलिस व प्रशासन ने नकारात्मक रिपोर्ट दी थी, जिसे आधार बनाते हुए राज्यपाल ने उसकी याचिका अस्वीकार कर दी।

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