अंशुल मौर्य
वाराणसी,26 जून 2025:
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के ‘काले अध्याय’ आपातकाल की 50वीं बरसी पर, वाराणसी के शहीद पार्क, नगर निगम परिसर में सूचना विभाग द्वारा एक विशेष चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। “आपातकाल: संविधान पर हमला” थीम पर आधारित इस प्रदर्शनी का उद्देश्य 1975 के दमनकारी दौर की यादें ताज़ा कर नागरिकों को लोकतंत्र की अहमियत और उसके संरक्षण के प्रति जागरूक करना है।
प्रदर्शनी में जीवंत हुए आपातकाल के काले दिन
प्रदर्शनी में 50 चित्रों के माध्यम से आपातकाल की भयावहता को सजीव रूप से दर्शाया गया है। प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी, नागरिक अधिकारों का हनन, शिक्षा व्यवस्था का दुरुपयोग, विपक्षी नेताओं व कलाकारों पर अत्याचार, और संविधान के 38वें से 42वें संशोधनों के नकारात्मक प्रभाव को इन चित्रों के ज़रिए उजागर किया गया। प्रत्येक तस्वीर उस दौर की कहानी बयां करती है जब लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था।
लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प
सूचना विभाग के अधिकारियों ने प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा, “यह आयोजन केवल अतीत को याद करने के लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि ‘जेल अपवाद, जमानत नियम’ जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांत हमेशा जीवित रहें।” इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में भी याद किया गया, जिसका उद्देश्य उस दौर की विभीषिका को जन-जन तक पहुंचाना है। प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक निःशुल्क खुली रहेगी। आयोजकों का मानना है कि यह नई पीढ़ी को लोकतंत्र की नाजुकता और उसकी रक्षा की जिम्मेदारी समझाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।