अशरफ अंसारी
इटावा, 31दिसम्बर 2024:
यूपी के इटावा में रोडवेज डिपो के कर्मचारियों ने मंगलवार को निजीकरण और ठेकेदारी प्रणाली के विरोध में पुराना बस स्टैंड पर जोरदार प्रदर्शन किया। काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने निजीकरण नीति के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए इसे अपने भविष्य के लिए खतरा बताया।
क्या है कर्मचारियों की मांगें?
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने ठेकेदारी प्रणाली को समाप्त करने, स्थायी रोजगार सुनिश्चित करने और उचित वेतन देने की मांग की। उन्होंने सरकार से निजीकरण की योजनाओं पर पुनर्विचार करने की अपील की।
ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मयंक सिंह को सौंपा। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों की मांगें उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएंगी।
यूनियन नेताओं की चेतावनी
यूनियन अध्यक्ष सुखराम सिंह और क्षेत्रीय मंत्री आलोक यादव ने स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि यह प्रदर्शन केवल एक सांकेतिक कदम है। यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
एकजुटता का प्रदर्शन
प्रदर्शन में यूनियन नेताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने भी भाग लिया। यूनियन अध्यक्ष ने कहा, “हमारे अधिकारों को छीनने की कोशिश हो रही है, जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
यह प्रदर्शन कर्मचारियों की एकजुटता और उनके हक की लड़ाई का प्रतीक बना। अब सभी की नजरें सरकार पर हैं कि वह उनकी मांगों पर क्या कदम उठाती है। यदि कर्मचारियों की मांगें अनसुनी की गईं, तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।