
अनमोल शर्मा
मुजफ्फरनगर,9 अप्रैल 2025:
मुजफ्फरनगर में ईद और अलविदा जुमे के दिन कुछ मुस्लिम नागरिकों ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया। न कोई नारा, न भीड़, सिर्फ खामोशी के साथ विरोध। लेकिन इस खामोशी को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए 300 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेज दिए। अब सभी को थानों में हाजिरी देकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना होगा।
इस कार्रवाई से जमीयत उलेमा ए हिन्द के जिला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम कासमी आहत हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सिर्फ इतनी गलती है कि हम मुसलमान हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि नोटिस पाने वालों में वे लोग भी हैं जिन्हें प्रशासन अक्सर पीस कमेटी बैठकों में बुलाता है।
मौलाना ने प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कोई प्रदर्शन हुआ ही नहीं, तो नोटिस क्यों? उन्होंने स्पष्ट किया कि वे डरने वाले नहीं हैं और मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों को कानूनी दायरे में उठाते रहेंगे।
फिलहाल, जमीयत सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुकी है और जब तक कोई आदेश नहीं आता, कोई प्रदर्शन नहीं होगा। लेकिन सवाल यही है – क्या अब खामोशी भी गुनाह है?