नई दिल्ली, 24 सितंबर, 2024
18 सितंबर 2024 को बुरहानपुर के नेपानगर में एक सुनियोजित साजिश के तहत सेना की स्पेशल ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। सागफाटा स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर 10 डेटोनेटर प्लांट किए गए थे। जांच में खुलासा हुआ कि ये डेटोनेटर रेलवे के नियमित उपयोग में आने वाले उपकरण हैं, लेकिन इन्हें खतरनाक तरीके से लगाया गया था ताकि सेना की ट्रेन को निशाना बनाया जा सके।
घटना के तुरंत बाद, रेलवे कर्मचारी साबिर अली को गिरफ्तार किया गया, जो इस साजिश में मुख्य आरोपी है। पुलिस और जांच एजेंसियों ने पाया कि डेटोनेटर लगाने का काम उसी ने किया था। इस घटना के बाद एटीएस, एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
साबिर अली का संदिग्ध कनेक्शन:
जांच के दौरान यह आशंका जताई जा रही है कि साबिर अली का संबंध स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से हो सकता है। सिमी एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, जिसका मकसद भारत में अस्थिरता फैलाना है। पिछले कुछ महीनों में देशभर में ट्रेन को पटरी से उतारने की कई घटनाएं सामने आई हैं, और हर बार इसमें आतंकी कनेक्शन होने की संभावना जताई गई है।
हालांकि इस मामले की जांच अभी जारी है, लेकिन यह सवाल गहराता जा रहा है कि क्या साबिर अली केवल एक मोहरा है या इस घटना के पीछे किसी बड़े आतंकी नेटवर्क की साजिश है। बुरहानपुर में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर प्लांट करने की इस घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियां ये पता लगाने में जुट गयी हैं कि साबिर अली ने 10 डेटोनेटर सिर्फ शरारत में लगाये थे या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी इन सभी सवालों के जवाब तलाशने के लिए एनआईए, एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।
इस गंभीर घटना के बाद, एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी), एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता), आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), और रेल मंत्रालय की टीमें इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। सेना की ट्रेन को निशाना बनाने की कोशिश से पूरा देश हिल गया है, और सुरक्षा एजेंसियों पर अब दबाव बढ़ गया है कि जल्द से जल्द इस साजिश का पर्दाफाश किया जाए।
रेलवे सुरक्षा में इस तरह की साजिशें पहले भी सामने आई हैं, और अब यह खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या साबिर अली जैसे लोगों के जरिए आतंकी संगठन रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना रहे हैं।
सुरक्षा चिंताएं और अगला कदम
घटना के बाद रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों ने देशभर में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से सेना की ट्रेनों और महत्वपूर्ण यात्री ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाई गई है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रेलवे के कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की भी जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
रेल मंत्रालय ने इस घटना को लेकर तत्काल कार्रवाई करते हुए रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुरक्षा उपायों को पुनः जांचें और इस तरह की साजिशों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
साबिर अली की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल उठता है कि क्या यह एक अलग घटना है या फिर इसके पीछे एक संगठित आतंकी साजिश काम कर रही है। सेना की ट्रेन को निशाना बनाने की कोशिश ने इस पूरे मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है। जांच एजेंसियां अब इस घटना के पीछे के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि ‘ट्रेन जिहाद’ जैसे किसी खतरनाक षड्यंत्र की योजना तो नहीं बनाई जा रही है।