
कानपुर, 5 मई 2025:
यूपी के कानपुर जिले में प्रेमनगर स्थित एक बहुमंजिला इमारत में आग लग गई। घंटो लपटें उठती रहीं हर तरफ धुएं का गुबार और तेज धमाके होते रहे। इस विकराल आग में फंसी पत्नी और तीन बेटियों को बचाने गए पिता समेत चारों जिंदा झुलस कर दम तोड़ बैठे। सबसे छोटी बेटी का शव मां से लिपटा हुआ मिला। आग लगने की वजह इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल पर संचालित जूता फैक्ट्री बताई जा रही जहां रखे केमिकल से भरे ड्रमों में हुए विस्फोटों ने आग में घी का काम किया। दमकल विभाग की कई गाड़ियों ने आग पर तो काबू पा लिया लेकिन तब तक परिवार और उनका कारोबार खाक हो चुका था। सीएम ने भी इस घटना का संज्ञान लेकर अफसरों को राहत व बचाव कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए थे।
प्रेमनगर स्थित इमारत में थी जूता फैक्ट्री, ऊपर की मंजिलों पर रहता था भाइयों का परिवार
बताते हैं कि प्रेमनगर के मकान नम्बर 105/733 में रहने वाले दानिश और उनके पिता अकील अहमद जूते बनाने का कारोबार करते हैं। बहुमंजिला इमारत में पहली और दूसरी मंजिल पर जूता फैक्ट्री संचालित होती है जबकि परिवार के लोग तीसरी और चौथी मंजिल पर रहते हैं। बीती देर रात नीचे फैक्ट्री से आग भड़क उठी लपटों की आंच और धुएं से परिवार घबरा गया। सभी जान बचाने के लिए बाहर भागे।
अंदर फंसी पत्नी व बेटियों को बचाने गया था पिता
दानिश और उनके पिता अकील भी बाहर तो आ गए लेकिन दानिश को अचानक याद आया कि पत्नी व बच्चे तो अंदर ही रह गए उसने आग की परवाह किये बिना दौड़ लगा दी और जलती हुई इमारत में घुस गया। पीछे पिता उसे आवाज देते ही रह गए। दानिश अंदर गया तो लेकिन बाहर नहीं निकल सका। अंदर फैक्ट्री में जूता बनाने में प्रयोग किये जाने वाले केमिकल से भरे ड्रम दग रहे थे। इनमें एक के बाद एक विस्फोट से आग और विकराल होती गई। फिलहाल दानिश न खुद बच सका और न आग में फंसे परिवार को बचा सका। आग में दानिश उसकी पत्नी सबा (40), बेटी सारा (15),सिमरा (12) और इनाया (7) वर्ष की जिंदा झुलसकर मौत हो गई।
चौथी मंजिल पर दूसरे भाई व उसके परिवार को बचाया गया, दमकल के 20 वाहन जूझते रहे
आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे दमकल विभाग ने चौथी मंजिल पर फंसे दानिश के भाई कासिफ और उसके परिवार को रेस्कयू कर बाहर निकाल लिया। यहां तक भी आग पहुंची लेकिन विक्रराल रूप नहीं ले सकी थी। बताया गया कि रात आठ बजे आग बेसमेंट से भड़की थी। पहले दमकल की चार फिर छह गाड़ियां पहुंचीं। हालात बिगड़ते देख लोगों को रेस्कयू करने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म मशीन भी आ गई। मौके पर दमकल की 20 गाड़ियां इमारत पर बादलों की तरह बरस रही थीं। रात एक बजे लगा कि आग पर काबू पा लिया जाएगा लेकिन फिर अचानक लपटें उठने लगीं।
एसडीआरएफ की टीम पहुंची, बिल्डिंग में आ गईं दरारें , सुबह निकाले जा सके शव
रात दो बजे के आसपास लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। नए सिरे से बचाव कार्य शुरू हो गया। आग तो बुझ गई लेकिन रात के तीन बज गए थे टीम ने ही अंदर झुलसी पड़ी पांचों लाशों को बाहर निकाला। छह मंजिल वाली इस इमारत में जगह-जगह दरारें आ गई थीं। सतर्कता बरतते हुए आसपास की कई इमारतों को खाली कराया गया। आबादी के बीच जूता बनाने की फैक्ट्री को फायर विभाग की एनओसी है या नहीं आदि सवालों पर जांच शुरू हो गई है।