वाराणसी, 25 फरवरी 2025:
महाशिवरात्रि (26 फरवरी) के पावन अवसर पर यूपी के वाराणसी में भव्य पेशवाई (राजसी यात्रा) निकाली जाएगी, जिसमें सात अखाड़े शामिल होंगे। यह पेशवाई पांच प्रमुख घाटों—राजघाट, आदि केशवघाट, दशाश्वमेध, शिवाला और हनुमान घाट से निकलेगी और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचेगी। इस दौरान नागा साधु बग्घी और नाव पर सवार होकर आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
पेशवाई की शुरुआत सुबह 6 बजे से होगी, जिसमें जूना अखाड़े के साथ निरंजनी, आनंद, अग्नि और आवाहन अखाड़े शामिल होंगे। वहीं, महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा दोपहर 12 बजे से अपनी पेशवाई निकालेंगे। इस भव्य आयोजन में 5000 से अधिक नागा साधु-संत दर्शन और पूजन करेंगे।
राजसी अंदाज में निकलेगी पेशवाई
जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और सुमेरुपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती की अगुवाई में यह भव्य यात्रा निकलेगी। इसके अलावा निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि महाराज भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे।
हनुमान घाट से जूना अखाड़े के साथ निरंजनी, आनंद, अग्नि और आवाहन अखाड़ा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। पेशवाई में 12 रथ, डमरू, बैंडबाजे और पारंपरिक ध्वज शामिल होंगे, जो इस आयोजन को और भी भव्य बनाएंगे।
महाकुंभ की तर्ज पर होगा दर्शन प्रबंधन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने बताया कि महाकुंभ की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में सुगम दर्शन की व्यवस्था की गई है। नागा साधुओं और संतों को गेट नंबर चार से प्रवेश दिया जाएगा और दर्शन-पूजन के बाद उसी मार्ग से बाहर निकाला जाएगा।
घाटों से नाव और पदयात्रा के जरिए होगा प्रस्थान
• श्री तपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा सुबह 5 बजे जौ विनायक घाट (आदि केशव घाट) से प्रस्थान करेगा।
• अग्नि अखाड़ा सुबह 4 बजे राजघाट से नाव के जरिए यात्रा करेगा।
• दशाश्वमेध घाट से आवाहन अखाड़ा निकलकर जूना अखाड़े के दल में गोदौलिया पर शामिल होगा।
• दूसरी पेशवाई शिवाला घाट से महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के साथ निकलेगी, जिसकी अगुवाई थानापति विवेक भारती करेंगे।
महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर वाराणसी में होने वाली यह पेशवाई न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक होगी। लाखों श्रद्धालु इस अनूठी यात्रा के साक्षी बनेंगे और बाबा विश्वनाथ के दरबार में अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे।