वाराणसी, 18 सितंबर :
अंशुल मौर्य ,
वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दायर हेट स्पीच याचिका को खारिज कर दिया है। अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्यों को अपर्याप्त बताते हुए पुनरीक्षण याचिका मंगलवार को निरस्त कर दी।
इस मामले में याचिकाकर्ता हरिशंकर पांडेय ने अखिलेश यादव और ओवैसी के बयानों को हिंदू समाज के प्रति घृणा फैलाने वाला बताते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि इन नेताओं ने ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग जैसी आकृति पर आपत्तिजनक बयान देकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई।
अखिलेश यादव पर आरोप था कि उन्होंने शिवलिंग जैसी आकृति की तुलना एक पत्थर से की थी, जिसे कहीं भी रखकर मंदिर बनाया जा सकता है। वहीं, ओवैसी पर आरोप था कि उन्होंने इसे “फव्वारा” बताया था और तंज भरे लहजे में वहां नमाज पढ़ने की अनुमति देने की मांग की थी।
हालांकि, अदालत ने मामले में पर्याप्त साक्ष्यों की कमी का हवाला देते हुए याचिका को उपयुक्त न मानते हुए खारिज कर दिया। ओवैसी के वकील ने अदालत में तर्क दिया था कि उनके बयान को हेट स्पीच की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।
याचिकाकर्ता ने पहले भी इसी मामले में एसीजेएम पंचम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसे 14 फरवरी 2023 को खारिज कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी, जिसे अब अदालत ने निरस्त कर दिया है।