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Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर में नए आपराधिक कानूनों की गृह मंत्री अमित ने की समीक्षा, कहा.. अप्रैल तक पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।

ankit vishwakarma
Last updated: February 19, 2025 11:01 am
ankit vishwakarma 7 months ago
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नई दिल्ली, 19 फरवरी 2025

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उपस्थिति में जम्मू-कश्मीर में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में जम्मू-कश्मीर में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के महानिदेशक तथा गृह मंत्रालय (एमएचए) और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में चर्चा के दौरान गृह मंत्री शाह ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का अप्रैल 2025 तक जम्मू-कश्मीर में पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि नये कानूनों के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए पुलिस कर्मियों और प्रशासन के रवैये में बदलाव लाना तथा नागरिकों में नये कानूनों के बारे में जागरूकता पैदा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी और सुरक्षा परिदृश्य में सुधार के साथ, पुलिस को अब अपने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। गृह मंत्री शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अनुपस्थिति में ट्रायल के प्रावधान का उपयोग करने की तत्काल आवश्यकता है।

गृह मंत्री ने आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हर पुलिस थाने को राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के प्रावधानों के बारे में जांच अधिकारियों को शत-प्रतिशत प्रशिक्षण जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। गृह मंत्री शाह ने कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध से संबंधित प्रावधानों पर पुलिस अधीक्षक स्तर पर गहन जांच के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत इन प्रावधानों का दुरुपयोग न हो, इसके लिए सख्त निगरानी की आवश्यकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सरकार ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की दिशा में संतोषजनक काम किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीनों नए कानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर क्रमशः मासिक, पाक्षिक और साप्ताहिक आधार पर की जानी चाहिए।

बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाद में कहा कि कुछ कमजोर क्षेत्रों की ओर ध्यान दिलाया गया जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में निर्वाचित सरकार कानून को लागू करने के लिए जिम्मेदार नहीं है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वह नए कानून के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भूमिका निभा सकती है।

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