सीतापुर,11 मार्च 2025
सीतापुर में दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या के मामले में पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने लापरवाही बरतने के आरोप में महोली इंस्पेक्टर विनोद मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया, जबकि पडरखा चौकी इंचार्ज सतीश चंद्र, सिपाही राजकुमार और नरेंद्र मोहन को सस्पेंड कर दिया गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई के बावजूद पत्रकारों में रोष बना हुआ है, क्योंकि यह मामला सिर्फ कानून-व्यवस्था की नाकामी को उजागर नहीं करता, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। धौरहरा से सांसद आनंद भदौरिया ने सोमवार को लोकसभा में इस हत्याकांड का मुद्दा उठाया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिनदहाड़े एक पत्रकार की हत्या कर दी गई, वह उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने दिवंगत पत्रकार के परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।गौरतलब है कि राघवेंद्र वाजपेई एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्र में क्षेत्रीय संवाददाता के रूप में कार्यरत थे।
बीते शनिवार को इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में उनकी मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रही है। अब पुलिस प्रशासन और सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।