
ग्वालियर, 30 अक्टूबर, 2024
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, ये कहावत मध्य प्रदेश के ग्वालियर में चरितार्थ हो रही है। जहां बीते रोज दूसरी मंजिल की छत से नीचे गिरने पर एक मजदूर के एक-दो नहीं बल्कि तीन लोहे के लंबे सरिए शरीर में समा गए थे और घायल मजदूर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा था। लेकिन ये किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि महज 14 घंटे से भी कम समय में अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि घायल मजदूर की हालत लगभग खतरे से बाहर है।
दरअसल ग्वालियर रेल्वे स्टेशन का विस्तार कार्य किया जा रहा है। इसी के तहत प्लेटफार्म नंबर 4 के समीप रेलवे कॉलोनी के क्वाटर्स निर्माणाधीन हैं। जहां एक मजदूर मंगलवार सुबह दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। घायल मजदूर का नाम छोटू जाटव निवासी घासमंडी बताया गया है। बताया जा रहा है कि जब छोटू सीढ़ियों से होकर एक दरवाजा ले जा रहा था, तभी पैर फिसलने के चलते दूसरे मंजिल की छत से नीचे गिर गया था। इस दौरान नीचे जमीन पर सरिए रखे थे, जिनमें से तीन 12 एम एम के सरिए उसके शरीर में बुरी तरह से धंस गए थे। इतना ही नहीं एक सरिया शरीर के आर – पार हो गया था। आनन- फानन में साथी मजदूर उसे लेकर ज्यारोग्य अस्पताल पहुंचे थे, जहां उसे इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। छोटू की हालत बेहद गंभीर थी। लेकिन छोटू के शरीर में लोहे के सरिए उसके इलाज में बाधा बन रहे थे। यही वजह है कि उसका सिटी स्कैन नहीं हो पा रहा था। लिहाजा डॉक्टर्स ने अस्पताल के वर्कशॉप विभाग में तैनात कर्मचारियों की मदद ली। टीम वर्क का परिचय देते हुए वर्कशॉप कर्मचारियों के साथ मिलकर सावधानीपूर्वक ग्राइंडर मशीन की सहायता से सरिए काटे, उसका सिटी स्कैन किया। बाद में देर शाम विशेषज्ञ डॉक्टर्स की एक टीम ने उसका ऑपरेशन किया और तीनों सरिए छोटू के शरीर से निकाल दिए।
ये भी किस्मत की बात है कि छोटू की सेहत में बेहद तेजी से सुधार देखने को मिला। जिसके बाद जयारोग्य अस्पताल समूह प्रबंधन ये दावा करने की स्थिति में आ गया कि महज 14 घंटे से भी कम समय के अंतराल में छोटू की हालत लगभग खतरे से बाहर बता पा रहा है। फिलहाल घायल छोटू इलाजरत है और अस्पताल प्रबंधन ने हर संभव घायल की मदद के लिए अधीनस्थों को निर्देशित किया है। साथ ही पुलिस घटना के हर पहलू की जांच कर रही है।