Delhi

जमीन के बदले नौकरी मामले में बढ़ी लालू प्रसाद की मुश्किलें, परिवार के सदस्यों को अदालत ने किया तलब

नई दिल्ली, 26 फरवरी 2025

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटों और दो बेटियों सहित उनके परिवार के कुछ सदस्यों को जमीन के बदले नौकरी घोटाले के सिलसिले में तलब किया।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके दो बेटों – बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और पूर्व राज्य मंत्री तेज प्रताप यादव – और बेटियों (सांसद मीसा भारती और हेमा यादव) को तलब किया है। आरोपियों को 11 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है।

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र में लालू प्रसाद यादव की भूमिका के संबंध में लगाए गए आरोप और सामग्री, “उनके सहयोगियों भोला यादव और आरके महाजन की सक्रिय भागीदारी, लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों – राबड़ी देवी, हेमा यादव और तेज प्रताप यादव – के पक्ष में जमीन के टुकड़े का हस्तांतरण और रेलवे अधिकारियों की सिफारिश पर उम्मीदवारों की नियुक्ति, जिन्हें भी आरोपी बनाया गया है, अंतिम आरोपपत्र में उल्लिखित आरोपों में सभी 76 आरोपियों की भूमिका का प्रथम दृष्टया ठोस संकेत देते हैं।”

न्यायाधीश ने कहा, “उपर्युक्त आरोपों और लालू प्रसाद यादव, भोला यादव, आरके महाजन और रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के मद्देनजर, अदालत द्वारा संबंधित अपराधों का संज्ञान लिया गया है। अदालत को सभी आरोपियों को तलब करने के लिए पर्याप्त आधार मिले हैं।” उन्होंने आगे कहा कि आरोपों की जांच में सीबीआई द्वारा “काफी समय” लिया गया तथा कई आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल करने में लगभग दो वर्ष “खपत” हो गए। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समन की तामील शीघ्रता से तथा पर्याप्त मानव शक्ति का उपयोग करके की जाए।

अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में समूह डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह नियुक्ति लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थी। इन नियुक्तियों के बदले में नियुक्तियों में शामिल लोगों ने राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन के टुकड़े उपहार में दिए या हस्तांतरित किए।

18 मई, 2022 को लालू प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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