आगरा, 30 सितंबर:
मयंक चावला,
पिछले 150 वर्षों से उत्तर भारत में विख्यात जनकपुरी महोत्सव का आगाज आज ताजनगरी आगरा के शाहगंज क्षेत्र में हुआ। मिथिला नगरी में तब्दील हुआ शाहगंज क्षेत्र एक भव्य समारोह का गवाह बना, जहां प्रभु श्री राम और माता सीता की पवित्र शादी की रस्में अदा की गईं। जैसे ही देर शाम कोठी मीना बाजार मैदान में बने भव्य जनकमहल पर भगवान श्री राम, माता जानकी और उनके तीनों भाइयों के स्वरूप पहुंचे, श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा।
धवल रोशनी से जगमगाते जनकमहल में आस्था के दीपों ने माहौल को आलोकिक बना दिया। चारों ओर बस एक ही ध्वनि गूंज रही थी – “जय श्री राम”। हजारों श्रद्धालु प्रभु राम और माता सीता के इस महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए जनकमहल की ओर अपलक निहार रहे थे। लगभग साढ़े दस बजे, जब प्रभु श्री राम अपने तीनों भाइयों के साथ मंच पर पहुंचे, तो राजा जनक और रानी सुनयना ने उनका भव्य स्वागत किया। इस भव्य क्षण ने जनकपुरी को देवताओं के लोक में तब्दील कर दिया।
जनकपुरी में आस्था का समागम
जनकपुरी महोत्सव के दौरान, भगवान श्री राम और माता सीता के दर्शनों के लिए जनकमहल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। हर किसी की एक ही तमन्ना थी – प्रभु श्री राम और माता सीता के स्वरूप का एक झलक पाना। इस महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण था, जनकमहल, जिसे दुबई के अबू धाबी में बने भव्य मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया था। इसके भव्य स्वरूप ने न केवल श्रद्धालुओं बल्कि स्थानीय निवासियों को भी गर्व से भर दिया। सभी इस अद्वितीय महल की तस्वीरें अपने कैमरों में कैद करने की कोशिश कर रहे थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा
महोत्सव के दौरान जनकमहल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। कलाकारों ने लोकनृत्य, लोकगीत और भगवान राम के भजनों से समां बांधा। यह दृश्य इतना मंत्रमुग्ध कर देने वाला था कि श्रद्धालु पूरी तरह आस्था में डूब गए। आयोजकों के अनुसार, यह महोत्सव अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा, जहां हर दिन नए-नए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन तीनों दिनों में भगवान राम और माता सीता का रथ चांदी के डोले में मंच पर लाया जाएगा, जहां उनकी आरती के साथ दिन की शुरुआत होगी।
भव्य महोत्सव का शुभारंभ
श्री राम और माता जानकी की आरती के साथ महोत्सव का आधिकारिक शुभारंभ हुआ। जनकपुरी महोत्सव के सभी पदाधिकारी और विशिष्ट अतिथियों ने इस अवसर पर आरती उतारी। महोत्सव के इस अनोखे स्वरूप ने आगरा की धरती को धर्म और आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया है, जहां श्रद्धालुओं का तांता अगले कुछ दिनों तक लगा रहेगा।
आयोजकों ने बताया कि महोत्सव के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धारा बहती रहेगी, और हर दिन भगवान राम और माता सीता के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को भव्यता से प्रस्तुत किया जाएगा।