भोपाल, 7 फरवरी 2025
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि शिवपुरी जिले में स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान (एमएनपी) जल्द ही मध्य प्रदेश का नौवां बाघ अभयारण्य बन जाएगा। उन्होंने मीडिया को जारी एक वीडियो संदेश में यह घोषणा की।
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तकनीकी समिति ने एक दिसंबर को माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
इसके निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया, “फिलहाल 375 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले एमएनपी में तीन बाघ हैं। दो शावक भी देखे गए हैं। इसके अलावा, मार्च में दो बाघों को एमएनपी में लाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पार्क को रिजर्व में बदलने के लिए इसमें 1200 वर्ग किलोमीटर से अधिक वन क्षेत्र जोड़ा जाएगा।
वन्यजीव विशेषज्ञ अजय दुबे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मध्य प्रदेश में आठ बाघ अभयारण्य हैं, जो देश में किसी भी राज्य से सर्वाधिक है।’’ आठ हैं कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय डुबरी, पन्ना, वीरांगना दुर्गावती और रातापानी।
दिसंबर के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश सरकार ने रायसेन जिले के रातापानी वन को आठवें बाघ रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया।
एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी ‘भारत में बाघों की स्थिति: सह-शिकारी और शिकार-2022’ रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में बाघों की आबादी 785 होने का अनुमान है, जो देश में सबसे अधिक है, इसके बाद कर्नाटक में 563 और उत्तराखंड में 560 है।