भोपाल, 23 दिसंबर, 2024
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे ही नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं।
वही मंडोरी गांव से कार में 54 किलो सोना और करीब 9 करोड़ 86 लख रुपए नगदी मिलने के बाद अब एक और राज सामने आया है। आयकर विभाग की ओर से जब्त की गई इस कार में एक डायरी ओर कुछ दस्तावेज भी मिले थे। इसमें प्रदेश के कई क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सहित कई परिवहन विभाग के अधिकारी और कुछ नेताओं के नाम है। इसे आयकर विभाग सौरभ शर्मा के काले कारनामों के हिसाब किताब से जोड़कर जांच कर रहा है ।
फिलहाल इस डायरी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि सौरभ शर्मा ने पिछले 1 साल में लगभग 100 करोड रुपए इधर से उधर किए हैं। इन्हीं में से 9 करोड़ 86 लाख रुपए पकड़े गए हैं । इन सौ करोड़ में अधिकतर राशि अवैध लेनदेन या रिश्वत की बताई जा रही है। इसकी बंदरबन अधिकारियों और नेताओं में हुई है। यही वजह है कि सौरभ का काली कमाई का धंधा फला फूला और 6 -7 साल की नौकरी में वह नेताओं और परिवहन विभाग के अधिकारियों का चहेता बन गया
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की टीम को जांच में जो रिकॉर्ड मिले हैं। उसमें प्रदेश भर के 52 जिलों के आरटीओ के नाम और नंबर भी मिले हैं। इसके साथ यह भी लिखा है कि किस आरटीओ से कितना पैसा मिला है। ओर पैसे किसे दिए गए,इसके जुड़े भी कुछ दस्तावेज मिले हैं। हालांकि जांच टीम इसे जांच का हिस्सा बता कर सामने नहीं ल रहीं हैं।
लोकायुक्त पुलिस के छापे में यह भी पता चला है कि जिस तरह सौरभ शर्मा के कार्यालय में खड़ी गुजरात नंबर वाली वैन में लाइनिंग वाले बड़े थेलो में 82 लाख रुपए नगद मिले थे, मंडोरी गांव में खड़ी कार में भी ठीक उसी तरह के थेलो में पैसे मिले थे। यह चेतन गौर के नाम पर है पर इसका इस्तेमाल सौरभ करता था।
मेंडोरी के जंगल में जिस कार से सोना और नकदी बरामद हुई हैं। वो सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर की थी। चेतन से भी आयकर विभाग ने पूछताछ लगभग पूरी कर ली हैं। करीब 150पेज के बयान दर्ज किए गए हैं। जिसमें सौरभ के बारे कई बातें सामने आईं हैं । फिलहाल चेतन सिंह अभी आयकर विभाग के अधिकारियों के संपर्क में है। उसके बयानों के आधार पर मास्टरमाइंड सौरभ शर्मा से पूछताछ होनी बाकी है। फिलहाल सौरभ शर्मा को दुबई में होने की वजह से तलब नहीं किया गया है, लेकिन जल्द ही उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
सौरभ शर्मा के बारे में यह भी पता चला है कि वह नौकरी छोड़ने के बाद भी परिवहन विभाग में सक्रिय था । अपने लोगों को परिवहन के चेक पोस्ट पर भेजो करता था । सितंबर 2023 में कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए जानकारी ऊपर तक भी पहुंचाई थी लेकिन इसे ठंडे बस्ती में डाल दिया गया था ।