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महाकुंभ 2025: मौन होकर भी जगा रहे हैं शिक्षा की अलख चाय वाले बाबा

चाय वाले बाबा विज्ञान के स्नातक हैं और मौन रह कर भी सिविल सर्विस के अभ्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं 

महाकुंभ नगर 4 जनवरी 2024
प्रयागराज में कुंभ मेला क्षेत्र में आपको कई मौनी बाबा मिल जाएंगे जो कोई संकल्प उठा कर कुछ समय के लिए मौन व्रत धारण किये हुए हैं लेकिन इस कुंभ में एक ऐसे बाबा भी मौजूद हैं जिन्होंने आजीवन मौन रहने का व्रत उठाया है । इन मौनी महाराज को कुछ लोग चाय वाले बाबा भी कहते है ।

पिछले 41 सालों से मौन धारण किये पयाहारी मौनी महाराज ने मौन व्रत धारण करने के साथ अन्न जल भी त्याग दिया था तब से वो न कुछ पीते हैं न खाते हैं वो केवल चाय पर ज़िंदा हैं । यानी दिन भर की 10 चाय पर उनका शरीर चलता है इसलिए उन्हें चाय वाला बाबा भी कहा जाता है।

मौनी महाराज का असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है वो प्रतापगढ़ के चिलबिला में शिवशक्ति बजरंग धाम से आये हैं । मौनी महाराज चाय के शौकीन हैं वो उनके पास आने वालों भक्तों को प्रसाद में भी चाय ही पिलाते हैं । चाय के अलावा मौनी महाराज को तेज रफ्तार बाइक चलाने का शौक है। हाई वे पर उनकी बाइक की रफ्तार 100 से कम नही होती है। यही वजह है 45 मिनट में प्रतापगढ़ से प्रयागराज यह अपनी बाइक से ही कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचे हैं।

ख़ास बात यह है कि मौनी महाराज शिक्षकों के परिवार से है । बायोलॉजी में बीएससी किया है । उनके पिता प्राचार्य थे जिनकी मृत्यु के बाद उन्हें शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति भी मिली थी लेकिन अब तक बाबा के हृदय में ईश्वर भक्ति की अलख जल चुकी थी, धीरे धीरे उनका सांसारिकता से मोहभंग हो गया और उन्होंने सन्यास ले लिया । बाबा के लिए धर्म और आध्यात्म सेवा के लिए है। बाबा की बड़ी खूबी यह भी है कि वो सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को फ्री कोचिंग भी देते हैं । अब आप सोचेंगे कि मौन रहने वाले बाबा कोचिंग कैसे देते हैं । तो वो बताते हैं कि वो व्हाट्स एप के जरिये छात्र-छात्राओं को पढ़ाते है और उनके लिए नोट्स भी बनाते हैं और उन्हें उपलब्ध कराते हैं । मौनी महाराज बताते हैं हर साल उनके 2 से 3 स्टूडेंट्स सिविल सेवाओं में चयनित हो जाते हैं ।

मौनी महाराज बताते हैं कि मौन रहने से ऊर्जा का संचय होता है और उनकी ऊर्जा विश्व कल्याण के काम आती है । मौनी महाराज ने एक ग्रंथ भी लिखा है जिसका नाम ‘धर्म कर्म मर्म सागर’ है । ग्रंथ में जन्म से मृत्यु तक, सोने से जागने तक प्रत्येक कार्य के शास्त्र सम्मत नियम हैं । मौनी महाराज की पुस्तक प्रकाशित होने के लिए गई है जो फरवरी तक प्रकाशित हो जायेगी । आप जब मौनी महाराज से मिलेंगे तो लगेगा केवल चाय पर जीवित रहने वाले मौनी बाबा के अंदर इतनी ऊर्जा कैसे है । बिना बोले भी उनके हाव भाव सब कह जाते हैं ।

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