ग्रेटर नोएडा,14 जनवरी 2025
ग्रेटर नोएडा में मकर संक्रांति पर रूठे परिजनों को मनाने की एक अनोखी परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इस दिन महिलाएं अपने सास, ननद, जेठानी और अन्य बड़ों को घर से दूर किसी और के घर में बैठा देती हैं। फिर अपनी सहेलियों के साथ ढोल-नगाड़े बजाते हुए और गीत गाते हुए वहां पहुंचती हैं। वे कपड़े, मिठाई, गजक और अन्य उपहार देकर उन्हें मनाती हैं और खुशी-खुशी घर लेकर लौटती हैं। अगर घर में कोई रूठा न हो तो भी परंपरा निभाने के लिए रूठने का नाटक किया जाता है।
बिसाहड़ा गांव की 70 वर्षीय राजवती बताती हैं कि मकर संक्रांति पर उनकी बहू उन्हें कपड़े और उपहार देकर मनाती है, जैसा उन्होंने अपनी सास के साथ किया था। यह परंपरा न केवल आपसी प्रेम बढ़ाती है, बल्कि बुजुर्गों के प्रति सम्मान भी प्रकट करती है। किसी परिवार में शादी या मृत्यु के बाद भी इस परंपरा को विशेष रूप से निभाया जाता है ताकि परंपरा न रुके और समाज में आपसी मेलजोल बना रहे।