
नई दिल्ली, 14 फरवरी 2025
मणिपुर के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा सिंह के स्थान पर किसी अन्य को नियुक्त करने पर आम सहमति बनाने में विफल रहने के कुछ दिनों बाद लिया गया है।पिछले रविवार को मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा।सिंह के साथ भाजपा और एनपीएफ के 14 विधायक भी थे। राज्य भाजपा अध्यक्ष ए शारदा और वरिष्ठ भगवा पार्टी नेता संबित पात्रा भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा के करीब दो साल बाद उनका इस्तीफा आया है।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को अखिल आदिवासी छात्र संघ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद भड़क उठी, जो मणिपुर उच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद हुई जिसमें राज्य को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था।
राज्यपाल से मिलने के बाद सिंह सीएम सचिवालय गए। राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में सिंह ने कहा, “मणिपुर के लोगों की सेवा करना अब तक सम्मान की बात रही है। मैं हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए समय पर कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं।” यह पत्र दिल्ली से लौटने के कुछ घंटों बाद आया है।
पिछले शनिवार को सिंह ने 10 फरवरी से शुरू हो रहे आगामी विधानसभा सत्र के सिलसिले में मुख्यमंत्री सचिवालय में भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक बुलाई थी। यह बैठक विपक्षी कांग्रेस द्वारा सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग के मद्देनजर आयोजित की गई थी।






