
लखनऊ, 16 अप्रैल 2025:
बसपा प्रमुख एवं यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने बुधवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में यूपी और उत्तराखंड के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने सपा, कांग्रेस और भाजपा को भी आड़े हाथों लिया। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारों को धर्म को कर्म नहीं, बल्कि कर्म को धर्म मानकर अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए, जिसमें समाज के सभी वर्गों का हित निहित है। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार भी पूर्ववर्ती सपा सरकार की तरह कुछ खास क्षेत्रों और लोगों के प्रति ही समर्पित नजर आ रही है।
‘अंबेडकर जयंती पर दिखावा, अनुयायियों पर अत्याचार’
बसपा प्रमुख ने कहा कि आज के राजनीतिक दलों में डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाने की होड़ लगी है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि उनके अनुयायियों को प्रताड़ित किया जा रहा, उनकी हत्याएं की जा रही हैं। आंबेडकर की प्रतिमाएं तोड़ी जा रही हैं। उन्होंने इसे घोर विडंबना बताया। मायावती ने बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पार्टी संगठनों की समीक्षा की और 2 मार्च को दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट भी ली। उन्होंने संगठन को और अधिक सक्रिय और जनहितैषी बनाने पर बल दिया।
‘ट्रंप टैरिफ’ पर भी दी सलाह
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सहित अन्य देशों पर लगाए गए ‘ट्रंप टैरिफ’ का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि ऐसे वैश्विक हालात में केंद्र और राज्य सरकारों को संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के आत्मसम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
