लखनऊ, 3 मई 2025:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख एवं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जातीय जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस के रवैये को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कांग्रेस पर जातीय जनगणना का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया और दलित व ओबीसी समुदाय के प्रति उसके “काले इतिहास” को याद दिलाया।
जातीय जनगणना का श्रेय लेने के मुद्दे पर बोलीं बसपा प्रमुख
मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि केंद्र सरकार के निर्णय पर कांग्रेस द्वारा धन्यवाद रैली निकालना दिखावटी राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस यह भूल रही है कि उसके ही शासनकाल में दलितों और ओबीसी समाज को आरक्षण एवं उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया। इसी कारण उसे सत्ता गंवानी पड़ी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस द्वारा दलित व ओबीसी समाज के प्रति दिखाया जा रहा प्रेम केवल वोटों के स्वार्थ से प्रेरित है। इसे भरोसे के लायक नहीं माना जा सकता।
भाजपा पर भी साधा निशाना
मायावती ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “आरक्षण और संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों को निष्क्रिय करने में भाजपा भी कांग्रेस से कम नहीं है। दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।” हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार के जातीय जनगणना कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा को भी जन आकांक्षा के सामने झुकना पड़ा है।
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को सम्मानित करने और ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों का रवैया जातिवादी और द्वेषपूर्ण रहा है।