
अहमदाबाद, 25 जुलाई 2025
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए भयावह विमान हादसे के बाद भारतीय विमानन क्षेत्र में एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है। दुर्घटना के केवल चार दिन बाद, 16 जून को एयर इंडिया के 112 पायलटों ने अचानक बीमारी की छुट्टी (सिक लीव) ली। इस खुलासे ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने गुरुवार को संसद में जानकारी दी कि एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के हादसे के बाद सभी फ्लीट के पायलटों की ओर से सिक लीव में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि 16 जून को जिन 112 पायलटों ने छुट्टी ली, उनमें 51 कमांडर (P1) और 61 फर्स्ट ऑफिसर (P2) शामिल हैं।
सांसदों द्वारा इस मुद्दे पर सवाल उठाए जाने पर मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि सभी पायलटों ने बहुत कम नोटिस पर छुट्टी मांगी थी। यह अचानक हुई सामूहिक छुट्टियों की घटना इस ओर इशारा करती है कि हादसे का मानसिक प्रभाव न केवल सीधे प्रभावित क्रू मेंबरों, बल्कि पूरी एविएशन बिरादरी पर पड़ा है।
गौरतलब है कि 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट 787-8 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद वह एक हॉस्टल की इमारत से टकराकर क्रैश हो गई। इस भयानक हादसे में कुल 260 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 230 यात्री, 12 क्रू-मेंबर और 18 स्थानीय नागरिक शामिल थे।
इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलटों, क्रू और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी की सिफारिश की है। साथ ही, DGCA ने एयरलाइनों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रम शुरू करने का भी सुझाव दिया है।
यह घटना देश में उड़ान सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को उजागर करती है, जिस पर अब गंभीरता से विचार किया जा रहा है।






