
लखनऊ, 20 अक्टूबर 2024:
अगले माह उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में सीट को लेकर भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी उहापोह की स्थिति में है।
उपचुनाव में सीट न मिलने की आशंका में निषाद पार्टी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि प्रत्याशी भले बीजेपी का लेकिन सिंबल निषाद पार्टी का हो।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार उपचुनाव में निषाद पार्टी को दस में से एक भी सीट न दिए जाने के संकेत हैं।
दूसरी तरफ भाजपा कोटे से एमएलसी और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद भी मझवा और कटेहरी सीटों पर अपनी पार्टी प्रत्याशी का दावा ठोक रहे हैं और इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व का हस्तक्षेप चाह रहे हैं।
सच तो यह है कि बीजेपी के साथ गठबंधन में आने के बाद निषाद पार्टी के हालात ही बदल गए हैं।बीजेपी के सहयोग से उत्तर प्रदेश में जीरो से 11 सीट तक पहुंची है निषाद पार्टी
निषादों और पिछड़े वंचितों की राजनीति के बहाने डॉ संजय निषाद का पूरा परिवार राजनीति में सेट हो गया है।
संजय निषाद खुद मंत्री, एक बेटा विधायक और दूसरा बेटा सांसदी का टिकट पा चुका है।
बीजेपी के सहारे बेटे प्रवीण निषाद दो बार सांसद रह चुके हैं लेकिन पिछली बार लोक सभा चुनाव में संतकबीरनगर से बेटे प्रवीण निषाद को हार मिली थी।
खुद के बेटे को ना जिता पाने वाले संजय निषाद लोकसभा चुनाव में पार्टी सिंबल पर टिकट न मिलने को हार का कारण बताया था ।
अब उपचुनाव में बीजेपी पर दबाव बना रहे निषाद पार्टी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद