“हमारा कार्य साधना है, उपकार नहीं” – पूज्य रमेशभाई ओझा -अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का समालखा, हरियाणा में शुभारंभ

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हरियाणा, 20 सितंबर 2024:


अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन का शुभारंभ आज गुजरात के प्रसिद्ध भागवत कथाकार, पूज्य रमेशभाई ओझा द्वारा समालखा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में हुआ।


इस अवसर पर पूज्य रमेशभाई ओझा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा कार्य कोई उपकार नहीं, बल्कि साधना है। जीवन एक तपस्या है, जिसे सभी को मिल-जुलकर, साझेदारी में जीना चाहिए।” उन्होंने भागवत के तीन महत्वपूर्ण संदेशों पर प्रकाश डाला – मानव के प्रति आचरण, जीव-जंतुओं के साथ व्यवहार, और प्रकृति के साथ सामंजस्य। इन मूल्यों का पालन करने से मानवता की सेवा और राष्ट्र निर्माण की दिशा में बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। पूज्य ओझा ने साधु-संतों से आग्रह किया कि वे जनजातीय क्षेत्रों में जाकर प्रवचन करें ताकि वहां की एकता और अखंडता बनी रहे और बाहरी ताकतों का प्रभाव न हो।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त जी ने इस अवसर पर कहा, “वनवासी कल्याण आश्रम अपने 75 वर्ष पूरे करने की ओर अग्रसर है। इस सम्मेलन से सभी कार्यकर्ता यह संकल्प लें कि वे उन जनजातियों तक भी अपनी पहुंच बढ़ाएं जहां अभी तक काम नहीं हो पाया है।”

सम्मेलन में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय पदाधिकारियों सहित विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मंच पर राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य, उपाध्यक्ष एच के नागु, महामंत्री योगेश बापट, संगठन मंत्री अतुल जोग और हरियाणा इकाई के अध्यक्ष राम बाबु भी उपस्थित रहे।

सम्मेलन के दौरान 12 सत्रों में वनवासी कल्याण आश्रम की विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों पर चर्चा की जाएगी। प्रांतों के कार्यकर्ता अपने कार्यों का विवरण प्रस्तुत करेंगे, और नए कार्यक्षेत्रों में विस्तार की योजना बनाई जाएगी।

यह भी विदित है कि वनवासी कल्याण आश्रम देशभर में 22,152 प्रकल्पों का संचालन कर रहा है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास और स्वावलंबन से जुड़े कार्य शामिल हैं। इन प्रकल्पों के माध्यम से संगठन 17,394 स्थानों पर जनजातीय समाज के विकास हेतु प्रयासरत है। हर तीन वर्ष में अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाता है, जहां जनजातीय समाज के विकास के लिए नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श होता है।

सम्मेलन का एक विशेष आकर्षण 21 सितंबर को आयोजित होने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें देशभर की 80 से अधिक जनजातियों के प्रतिनिधि अपनी पारंपरिक पूजा पद्धतियों का प्रदर्शन करेंगे और एकता का संदेश देंगे।

सम्मेलन स्थल पर वनवासी कल्याण आश्रम की गतिविधियों और उपलब्धियों की एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है, साथ ही पुस्तकों की बिक्री केंद्र भी उपस्थित है।

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