
पटना,26 अप्रैल 2025
बिहार सरकार ने हाल के दिनों में बढ़ती हिंसक घटनाओं और पंचायत प्रतिनिधियों की हत्याओं के मद्देनज़र बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को शस्त्र लाइसेंस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि पंचायत प्रतिनिधियों के शस्त्र लाइसेंस आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और सत्यापन प्रक्रिया बिना अनावश्यक देरी के पूरी की जाए।
यह फैसला लखीसराय में एक मुखिया और उनके सहयोगी की समारोह से लौटते वक्त गोली मारकर हत्या और गया जिले में जेडीयू के ब्लॉक सचिव की हत्या जैसी हालिया घटनाओं के बाद लिया गया है। इन घटनाओं के बाद समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, भोजपुर, जमुई और नवादा जैसे जिलों में भी पंचायत प्रतिनिधियों पर हमले, धमकियां और हत्या की कोशिश की खबरें सामने आई हैं। इन हमलों से चिंतित पंचायत प्रतिनिधियों ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की थी।
सरकार का यह कदम राज्य में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले भी पंचायत प्रतिनिधियों के भत्तों में बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाली महिलाओं की शादी के लिए प्रत्येक पंचायत में मैरिज हॉल बनाने की योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना पर 4,026 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे जीविका दीदियों के माध्यम से लागू किया जाएगा।