अंशुल मौर्य
वाराणसी, 29 अक्टूबर 2024:
इस बार की दीपावली पर भारत की सदियों पुरानी हस्तशिल्प कला, गुलाबी मीनाकारी ने दुनिया भर में अपने अद्वितीय आकर्षण से धूम मचा दी है।
सोने और चांदी से बनी इन चमचमाती शिल्पकृतियों की मांग भारत से बाहर कैलिफोर्निया, फ्रांस और दुबई जैसे देशों तक जा पहुंची है, जिससे शिल्पकारों के पास लगभग पाँच करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर आए हैं।
भारत की पुरातन शिल्प कला का वैश्विक मंच पर उदय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओडीओपी (एक जनपद, एक उत्पाद) योजना के तहत गुलाबी मीनाकारी को जीआई टैग दिलाने के बाद इस कला को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक नई पहचान मिली है।
विशेषकर इस दीपावली के अवसर पर, इन हस्तशिल्पों को उपहार के रूप में देने का चलन न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बढ़ा है।
कॉरपोरेट जगत भी इस शिल्प कला को उपहार में देने की अपनी प्राथमिकता बना चुका है, जो कि इस कला की उत्कृष्टता और प्रतिष्ठा का प्रमाण है।

स्पेशल ऑर्डर्स: गणेश मूर्तियों और मोर से लेकर शंख तक
शिल्पकारों को इस बार विशेषकर गणेश जी की मूर्तियाँ, मोर, हाथी और शंख जैसे गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं।
नेशनल अवार्ड विजेता कुंज बिहारी बताते हैं कि विदेशों में गुलाबी मीनाकारी की सुंदरता और अनोखी कला ने तेजी से अपनी जगह बनाई है, और अब यह केवल एक हस्तशिल्प नहीं, बल्कि एक समृद्ध व्यापार बन गया है।
उनका कहना है कि इस बार दीपावली पर मिले बड़े ऑर्डर्स के अलावा, सालभर में भी उन्हें करोड़ों का ऑर्डर प्राप्त होता है।
इन हस्तशिल्पों की कीमतें उनके उत्कृष्ट डिजाइन और शिल्पकारों की मेहनत के कारण हजारों से लेकर लाखों तक होती हैं।
महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान: घर की चारदीवारी से वैश्विक मंच तक
शिल्पकारों के इस कला कौशल को साकार करने में महिलाओं का भी बहुत बड़ा योगदान है। बाबू सोनी और लोकेश सिंह जैसे शिल्पकार बताते हैं कि महिलाएं घर और पढ़ाई के बाद इस कला में अपनी भूमिका निभा रही हैं, जिससे न केवल वे आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि परिवार और समाज के लिए भी यह एक अहम योगदान दे रही हैं।
विजय कुमार जैसे शिल्पकार समय-समय पर महिलाओं को प्रशिक्षित करते हैं, ताकि वे इस शिल्प के माध्यम से अपनी आजीविका कमा सकें और समाज में अपनी जगह बना सकें।
विदेशों में बढ़ती लोकप्रियता: कैलिफोर्निया में भारतीय कला की चमक
कैलिफोर्निया में रहने वाली एनआरआई मधु गुप्ता बताती हैं कि उन्होंने अपने स्टोर के लिए पहले ही गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों का ऑर्डर कर दिया था।
उनका मानना है कि वर्तमान सरकार ने भारत की हस्तशिल्प कला को एक नई दिशा दी है, जिससे यह कला अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना रही है।
दीपावली के उपहारों में गुलाबी मीनाकारी की बढ़ती लोकप्रियता भारतीय संस्कृति की अमूल्य सौगात है, जो कला प्रेमियों के बीच एक अनमोल धरोहर के रूप में उभर रही है।
दीपावली का विशेष उपहार: भारतीय संस्कृति का वैश्विक संदेश
इस दीपावली, गुलाबी मीनाकारी ने अपने अनूठे शिल्प और रंगों से उपहारों की परंपरा में एक नई पहचान बनाई है।
भारत की हस्तशिल्प कला का यह अद्वितीय प्रदर्शन इस बार दीपोत्सव के अवसर पर भारतीय संस्कृति का दीप दुनिया भर में प्रज्वलित कर रहा है, जिससे शिल्पकारों की कला और भारत की विरासत की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर स्थापित हो रही है।