
अमित मिश्र
प्रयागराज, 5 अगस्त 2025 :
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गंगा व यमुना दोनों नदियों के रौद्र रूप से जूझ रहे प्रयागराज जिले का दौरा किया। उन्होंने हवाई सर्वेक्षण के साथ राहत शिविरों में जाकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उन्हें मिल रही मदद के साथ समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद सर्किट हाउस में अफसरों के साथ बैठक कर युद्धस्तर पर बचाव व राहत कार्य की मुहिम जारी रखने के निर्देश दिए।
स्पष्ट हो एक्शन प्लान, कोई चूक बर्दाश्त नहीं होगी
सर्किट हाउस में अफसरों के साथ हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस आपदा की घड़ी में हर नागरिक के साथ खड़ी है। प्रभावितों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है। प्रभावित क्षेत्रों में नाव संचालन, बिजली आपूर्ति, पानी निकासी, स्वास्थ्य शिविर और राशन वितरण को लेकर एक्शन प्लान स्पष्ट होना चाहिए। यदि कहीं चूक हुई तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी।
प्रत्येक राहत शिविर में एक नोडल अफसर हो, जो गांव टापू बने उन्हें शिविर मानें
उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों, झुग्गी बस्तियों और निचले इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा। एनडीआरएफ, राजस्व टीम, स्वास्थ्य टीम और नगर निकायों के बीच समन्वय बना रहे। हर स्तर पर राहत कार्यों की निगरानी के निर्देश दिए। प्रशासन हर राहत शिविर में नोडल अधिकारी नियुक्त करे जो नियमित रूप से व्यवस्थाओं की समीक्षा करें और किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। जिन गांवों का सम्पर्क टूट गया है और टापू बन गए हैं, उन गांवों को राहत शिविर के रूप में मानते हुए वहां पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। इन गांवों में प्रकाश की व्यवस्था के लिए जनरेटर उपलब्ध कराएं।
हवाई सर्वेक्षण करने के बाद राहत शिविरों में प्रभावित परिवारों से मिले
डिप्टी सीएम ने दारागंज, बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर जैसे इलाकों की स्थिति को हेलीकॉप्टर से देखा। इसके बाद उन्होंने ब्वॉयज हाईस्कूल और वाईएमसीए स्कूल में बनाए गए बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने शरण लिए प्रभावित लोगों से संवाद किया और शिविरों में उपलब्ध भोजन, स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा, साफ-सफाई, शौचालय, बिजली, बच्चों व महिलाओं की विशेष आवश्यकताओं की स्थिति को देखा। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री की आपूर्ति में किसी प्रकार की देरी या लापरवाही न हो।