
नई दिल्ली | 6 अगस्त 2025
इस बार रक्षाबंधन का पर्व बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस दिन 95 साल बाद वही दुर्लभ संयोग बन रहा है जो वर्ष 1930 में बना था। पंचांग के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा, जब नक्षत्र, तिथि और योग 1930 के रक्षाबंधन जैसे ही होंगे। उस समय भी शनिवार था, और इस बार भी रक्षाबंधन शनिवार को ही आ रहा है।
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है, जो हर साल सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस साल पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी। लेकिन 8 अगस्त को भद्रा काल रहेगा, जो 9 अगस्त तड़के 1:52 बजे तक चलेगा। इसलिए राखी बांधने का श्रेष्ठ समय 9 अगस्त को सुबह 5:21 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा।
इस बार रक्षाबंधन पर सौभाग्य योग, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, श्रवण नक्षत्र, बव और बालव करण का भी संयोग बन रहा है। इन योगों में रक्षाबंधन का पर्व मनाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस शुभ समय में लक्ष्मी-नारायण की पूजा कर राखी बांधने से घर में समृद्धि और सौहार्द बढ़ता है।
1930 में भी रक्षाबंधन 9 अगस्त को ही पड़ा था और तब भी सौभाग्य योग, श्रवण नक्षत्र और बालव करण मौजूद थे। ऐसे में इस बार का रक्षाबंधन आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।






