नागपुर, 2 दिसंबर 2024:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की जनसंख्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने घटती जनसंख्या दर को लेकर चिंता जताई है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट समाज के लिए उचित नहीं है। अगर जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे हुई तो यह समाज के लिए बड़ा खतरा है।
मोहन भागवत ने कहा कि विज्ञान का मानना है कि यदि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे गिरती है तो वह समाज अपने आप समाप्त हो जाता है। कई भाषाएं और समाज इसी कारण समाप्त हो गए। इसलिए कम से कम 2 या 3 बच्चों का जन्म होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंख्या वृद्धि दर को सही बनाए रखना देश के लिए जरूरी है। संघ प्रमुख का बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदुओं की जनसंख्या में 7.8 प्रतिशत की कमी आई है।
भारत की जनसंख्या नीति का दिया हवाला
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि 1998 या 2002 में भारत की जनसंख्या नीति तैयार की गई थी। इस नीति में इस बात पर जोर दिया गया था कि जनसंख्या 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। नीति में जनसंख्या के उक्त स्तर को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जो समाज की निरंतरता सुनिश्चित करता है। 2.1 से नीचे की आबादी स्वयं को बनाए नहीं रख सकती। इसलिए प्रति परिवार दो से अधिक बच्चों की जन्म दर की आवश्यकता होती है, जो जनसंख्या विज्ञान का संदेश है।