कुमार स्मृति,
नयी दिल्ली, 19 सितंबर 2024
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा कहते हैं कि सनातन धर्म के उत्थान का समय आया है। इसको लेकर विश्व का रूख भी बदल रहा है. हम ये भी जानते हैं कि ऐसे समय में वेदों का ये भाष्य संकेत हैं कि आगे बढ़ने के लिए ये वेद हमारा साधन हैं।
मोहन भागवत ने अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में श्रीपाद दामोदर सातवलेकर कृत वेदों के हिंदी भाष्य के तृतीय संस्करण का लोकार्पण करते हुए कहा कि वेद और भारत दोनों एक ही हैं। दोनों को सनातन धर्म का आधार बताते हुए भागवत ने कहा कि इसका ज्ञान विज्ञान की सीमा से परे है जो बाहरी सुख की जगह आंतरिक सुख का महत्व समझाता है।
आने वाला समय सनातन व भारत का है
संघ प्रमुख ने कहा कि बाहरी सुख को सबकुछ मान लेने वाली दुनिया अब मंथन कर रही है। उसने अब आंतरिक और आध्यात्मिक सुख पर बात करनी शुरू की है। यह ऐसा ज्ञान है जो हमारे सनातन और भारत में हजारों वर्षों से रहा है। ऐसा ज्ञान जो हमें बताता है कि भौतिक सुख ही सबकुछ नहीं है। वास्तविक सुख के लिए प्रतिस्पर्धा, युद्ध की जरूरत नहीं है। इसलिए अब सभी मानते हैं कि आने वाला समय सनातन और भारत का है।
कार्यक्रम में देश के अनेक साधु संत, संघ, विश्व हिंदू परिषद के साथ अनेक धार्मिक, सामाजिक व संस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग व मातृ शक्ति उपस्थित थीं।