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संघ ने दिए हैं सुझाव… खास हो सकती है 14 अप्रैल को डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती

लखनऊ, 4 अप्रैल 2025:

डॉ अंबेडकर ने संविधान में अपना पूरा नाम डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर लिखकर हस्ताक्षर किया था। राम जी साजिश कर हटाया गया, उनके पूरे नाम को सम्बोधन में प्रयोग करें। एक विशेष रंग से ही उन्हें न जोड़ा जाए विविधता लाई जाए और उन्हें आदरणीय और पूज्यनीय जैसे शब्दों से भरपूर सम्मान दिया जाए।

भाजपा आरएसएस की समन्वय बैठक में हुई चर्चा

ऐसे ही कुछ सुझाव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने यूपी के भाजपा संगठन को दिए हैं। अवसर था गाजियाबाद में हुई समन्वय बैठक का। ये बैठक दरअसल बुधवार को हुई थी। जिसमे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और आरएसएस के मेरठ व ब्रज क्षेत्र के प्रचारक समेत राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई पदाधिकारी शामिल रहे। बैठक में जल्द प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने को लेकर भी चर्चा हुई।

उनके नाम से राम जी शब्द को साजिश के तहत हटाया गया, हम पूरा नाम सम्मान से लें

संघ की ओर से विशेष तौर पर अंबेडकर जयंती को लेकर सुझाव दिए गए। संघ का कहना था कि डॉ भीमराव अंबेडकर का पूरा नाम डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर था। उन्होंने अपना पूरा नाम हस्ताक्षर के रूप में संविधान में लिखा था। समय बीतने के साथ एक साजिश के तहत उनके पूरे नाम का जिक्र करना बंद कर दिया गया। हमें उन्हें पूरे नाम से सम्बोधित करना होगा। यही नहीं उनके नाम के आगे आदरणीय पूज्यनीय जैसे शब्द इस्तेमाल करने चाहियें।

उनके चित्र खास रंग में नहीं, विविधता भरे हों

संघ ने ये भी कहा कि डॉ अंबेडकर के चित्रों को एक खास रंग से जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है। क्या अन्य रंगों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। उनके चित्रों में विविधता लाने की जरूरत है। हम उनके प्रति सम्मानजनक सम्बोधन, विविधता भरे चित्रों और पूरे नाम का प्रयोग इसी 14 अप्रैल को उनकी जयंती से शुरू करेंगे।

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