श्रावस्ती, 2 जनवरी 2025:
यूट्यूब और गूगल लोगों की नॉलेज बढ़ाने वाले प्लेटफॉर्म माने जाते हैं। लोग यहां ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं। खाने की नई-नई रेसिपी सीखते हैं लेकिन यूपी के श्रावस्ती के एक मौलाना साहब ने यहां से नकली नोट बनाने का ज्ञान प्राप्त किया। फिर इसे अपना फैमिली बिजनेस बना लिया, और शुरू हुआ मौलाना एंड वाइव्स प्राइवेट लिमिटेड का इन हाउस प्रोडक्शन।
मदरसा संचालक है मौलाना, दो बीवियां शिक्षक
ये खुलासा श्रावस्ती पुलिस ने किया। पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है जो मल्हीपुर में नकली नोट छापकर बाजार में पहुंचा रहा था। पांच गिरफ्तार आरोपियों में एक मुबारक अली उर्फ नूरी को गिरोह का सरगना बताया गया। ये एक मदरसे का संचालक है और इसकी पांच बीवियां हैं। एक बीवी गंगापुर के मदरसा फैजुर्रनबी व दूसरी बहराइच के जामिया नूरिया मस्जिद में शिक्षक है। गंगापुर मदरसे के एक कमरे में ही नकली नोट छापे जाते थे।
फल-सब्जी की दुकानों पर चलाते थे नकली नोट
पुलिस ने बताया कि मुबारक अली ने यूट्यूब से नकली नोट बनाना सीखा था। हाई क्वालिटी के कागज इसमें इस्तेमाल करता था। लैपटॉप व प्रिंटर की मदद से नोट छापे जाते थे। फिर ये नोट कम पढ़े-लिखे लोगों, फल-सब्जी की दुकानों, चाय की टपरियों पर ये नोट चलाए जाते थे। इस काम में मुबारक अली की पत्नियां भी उसका साथ देती थीं। खैर अब ये पूरा गिरोह पुलिस की गिरफ्त में है और धंधा बंद हो चुका है।