
अंशुल मौर्य
वाराणसी,2 मई 2025:
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में वरिष्ठता को लेकर लंबे समय से जारी असमंजस पर अब विराम लग गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्पष्ट किया है कि “सीनियर प्रोफेसर” कोई पद नहीं बल्कि केवल एक वेतनमान स्तर है। वरिष्ठता सिर्फ तीन मान्य पद—प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर—के आधार पर तय होगी। यह निर्देश बीएचयू के कुलसचिव द्वारा मार्गदर्शन मांगने पर यूजीसी के उप सचिव डॉ. निखिल कुमार ने 8 अप्रैल को दिए। यह मामला कला संकाय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग से जुड़ा था, जहां प्रो. एमपी अहिरवार को वरिष्ठता के बावजूद विभागाध्यक्ष नहीं बनाया गया। इससे संबंधित अन्य विभागों में भी विवाद खड़े हो गए थे। यूजीसी के इस निर्णय से विभागाध्यक्ष की नियुक्तियों को लेकर फैली भ्रम की स्थिति अब साफ हो गई है, जिससे विश्वविद्यालय में प्रशासनिक प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी।