
सीधी, 03 नवंबर, 2024
सीधी जिले का नाम सीधी जरूर है परंतु यहां कोई भी काम सीधा होता नजर नहीं आ रहा है. स्वास्थ्य सुविधा को लेकर आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतरीन करने का लाख दावा किया जाता है, परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है.
जिला मुख्यालय के महज 2 किलोमीटर की दूरी में रहने वाली महिला उर्मिला रजक को एंबुलेंस नहीं मिली, जिसकी वजह से परिजनों के द्वारा ठेले पर ही प्रसूता महिला को लेकर आना पड़ा। जहां रास्ते पर ही प्रसूता महिला की डिलीवरी हो गई वहीं जन्म लेते ही नवजात शिशु की भी मृत्यु होना प्रसूता के पति द्वारा बताया जा रहा है।
सीधी जिले की स्वास्थ्य सुविधा जनप्रतिनिधि भी कहते हैं कि हम बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा दे रहे हैं. जिसका जीता जागता नमूना सबके सामने है. प्रसूता के पति द्वारा बताया गया कि सीधी पुराने बस स्टैंड के निवासी कोटाहा उर्मिला रजक को प्रसव पीड़ा थी लगभग 1 घंटे से एंबुलेंस को फोन लगाया गया परंतु एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई जिस पर परिजनों के द्वारा देर ना करते हुए ठेले के माध्यम से जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए परंतु रास्ते पर ही डिलीवरी हो गई प्रसूता उर्मिला के पति ने बताया कि लगभग आधे घंटे तक अस्पताल का कोई भी कर्मचारी ना तो बाहर निकाला और ना ही प्रसूता महिला को लाने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई परिजनों के द्वारा स्वयं स्ट्रेचर लाया गया और अस्पताल के अंदर तक पहुंचाया गया