हिंदू हृदय सम्राट के बेटे उद्धव मुस्लिम लोकप्रियता में कांग्रेस से भी आगे ।

thehohalla
thehohalla

मुंबई, 19 अगस्त

“उद्धव का वादा वक़्फ़ की ज़मीन को वो किसी को हाथ भी नहीं लगाने देंगे “

हिन्दी में एक कहावत है पूत सपूत तो का धन संचय और पूत कपूत तो का धन संचय । अब शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे को सपूत या कपूत किस श्रेणी में रखा जाये इस पर संशय ज़रूर बना हुआ है । इस कहावत को शिवसेना के संदर्भ में इसलिए भी समझाना ज़रूरी है कि हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वेक शिवसेना के जनक ने मुस्लिम समुदाय को हरा ज़हर कहा था और वामपन्थ की लिबरल धारा के जाल में कुंठा से ग्रसित हिंदुओं के लिए नारा दिया था कि “ गर्व से कहो हम हिन्दू हैं।
उन्हीं हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब के बेटे और शिवसेना के उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे ने सत्ता पद के लिए बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तो वक़्फ़ की ज़मीन किसी को हाथ भी नहीं लगाने देंगे । यहाँ ये बताना ज़रूरी है कि अब शिवसेना के दो टुकड़े हो गये है और बाला साहब की हिंदुत्व के लिए गर्जना करने वाली शिवसेना उद्धव और शिंदे गुट के बीच में डोल रही है । अब ऐसे में पूत कपूत और सपूत की श्रेणी में उद्धव को कहाँ रखना है ये आपको तय करना है । इसके साथ ही उद्धव ने सीएम पद को लेकर भी अहम बात कही और कहा कि वह महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीएम पद को लेकर चर्चा कर रहे हैं।

अपने वक्तव्य में उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘मैं ऐलान कर रहा हूं कि अगर वक्फ बोर्ड या किसी धार्मिक संपत्ति को किसी ने छूने की भी कोशिश की तो मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। यह मेरा वादा है। साथ ही राजनीति को एक नया रंग देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि जैसा कि शंकराचार्य ने कहा है कि केदारनाथ मंदिर का 200 किलो सोना चोरी हुआ, तो इसकी जांच होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब के बेटे उद्धव ठाकरे अब मुस्लिम हृदय सम्राट बन चुके हैं । कभी शिवसेना से कन्नी काटने वाले मुसलमानों के लिए आज शिवसेना के संस्थापक के बेटे उद्धव ठाकरे में ही महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय को अपना सियासी भविष्य नजर आता है। मुसलमानों के प्रति उद्धव ठाकरे का नज़रिया अपने पिता बाला साहेब ठाकरे ke बिलकुल उलट है ।

उद्धव ठाकरे ने एक बार मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि राज्य के मुसलमान अब पार्टी की ओर देख रहे हैं। इसकी वजह उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) का हिंदुत्व का चेहरा बीजेपी से अलग होना बताया था । उन्होंने कहा था, ‘हमारा हिंदुत्व धर्मनिरपेक्ष होकर घरों के चूल्हे जलाने की कोशिश करता है, जबकि, बीजेपी का हिंदुत्व घरों को जलाता है।

उद्धव के पिता बाल ठाकरे खुद को गर्व से हिंदू हृदय सम्राट कहलाना पसंद करते थे। लेकिन उद्धव ने महाराष्ट्र की राजनीति की इस धारा को बदल दिया है और मुसलमानों के बीच लोकप्रियता के मामले में अब वे कांग्रेस से भी आगे निकलते जा रहे हैं।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *