सुल्तानपुर 23 सितम्बर:
जिले में एक ज्वेलर्स की दुकान में हुई डकैती के एक और आरोपी को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया है। मारे गए बदमाश की पहचान अमेठी जिले के मोहनगंज थाना क्षेत्र के जनापुर गांव निवासी अनुज प्रताप सिंह पुत्र धर्मराज सिंह के रूप में हुई है। अनुज पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था, और वह लंबे समय से फरार चल रहा था। मुठभेड़ के दौरान अनुज का साथी मौके से भागने में सफल हो गया, जिसकी तलाश अभी भी जारी है।
यह मुठभेड़ सोमवार सुबह उन्नाव जिले के अचलगंज थाना क्षेत्र में उन्नाव-रायबरेली हाईवे से करीब 500 मीटर दूर अचलगंज-कोल्हुआ मार्ग पर हुई। लखनऊ एसटीएफ की टीम ने बदमाशों का पीछा करते हुए उन्हें घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के दौरान अनुज प्रताप सिंह को गोली लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत 108 एंबुलेंस से प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सुल्तानपुर जिले के ठठेरी बाजार क्षेत्र में स्थित भारत ज्वेलर्स की दुकान में 28 अगस्त को एक बड़ी डकैती हुई थी, जिसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये के आभूषण लूट लिए गए थे। इस घटना ने जिले में हड़कंप मचा दिया था, और पुलिस प्रशासन पर अपराधियों को पकड़ने का भारी दबाव था। इस मामले में पहले भी एक अन्य आरोपी, मंगेश यादव, को 5 सितंबर को एसटीएफ की टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया था। मंगेश यादव की मौत के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था और सरकार की आलोचना की थी।
अनुज प्रताप सिंह इस डकैती के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था और उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने जगह-जगह दबिश दी थी। इस मुठभेड़ से पहले भी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने कई बार कोशिश की, लेकिन अनुज हर बार बच निकलने में कामयाब हो जाता था।
लखनऊ एसटीएफ की टीम को जानकारी मिली थी कि अनुज प्रताप सिंह और उसका एक साथी उन्नाव-रायबरेली हाईवे के पास से गुजरने वाले हैं। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम ने अचलगंज थाना क्षेत्र के पास उनका पीछा किया और उन्हें घेर लिया। बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसका जवाब देते हुए पुलिस ने भी गोलीबारी की। इस मुठभेड़ में अनुज को गोली लगी, जबकि उसका साथी फरार हो गया।
मुठभेड़ के बाद अनुज को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।