
नई दिल्ली,21 जनवरी 2025
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बिजनौर में जल निकायों के अवैध भराव मामले में फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि 16 जुलाई 2024 और 22 नवंबर 2024 को पारित आदेशों के बावजूद, यूपी सरकार द्वारा नियुक्त समिति सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने में विफल रही। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को आदेश दिया कि वे 16 जुलाई 2024 के आदेश के अनुसार किए गए कार्यों का विवरण देते हुए अपना व्यक्तिगत हलफनामा 24 जनवरी 2025 तक दाखिल करें।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक समिति का गठन किया था, जिसमें राज्य के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया था, ताकि जल निकायों के संरक्षण और अवैध भराव की जांच की जा सके। समिति को पुराने राजस्व रिकॉर्ड की समीक्षा करनी थी और बहाली के उपाय सुझाने थे। हालांकि, राज्य सरकार ने निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट दाखिल नहीं की, जिसके कारण कोर्ट ने समिति के कार्यों पर असंतोष जताया। अगली सुनवाई 7 फरवरी 2025 को होगी, जब राज्य सरकार को पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।






