वाराणसी, 22 जून 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी में 14 जून से रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में कथा कह रहे मोरारी बापू से मुलाकात करने योग गुरु स्वामी रामदेव पहुंचे। मंच पर व्यास पीठ के पास चरणों मे बैठ मोरारी बापू से आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्वामी रामदेव ने अपने सम्बोधन में मोरारी बापू की हुई आलोचना का जिक्र कर कहा कोई विधर्मी करता तो ठीक लेकिन सनातनी करे ये सनातनी संस्कृति नहीं।
बता दें कि रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में रविवार को मोरारी बापू की कथा का समापन हुआ। आखिरी दिन मोरारी बापू ने एक बार फिर महापुरुषों से माफी मांगी और अगली बार कबीर मानस कहने के लिए आने को कहा। वाराणसी में मोरारी बापू की कथा उस समय सुर्खियों में आ गई जब पत्नी के निधन के दो दिन बाद काशी में दर्शन पूजन और कथा वाचन को सूतक काल कहकर शास्त्र के विरुद्ध बताया गया। कई संतों के साथ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी इसकी जमकर आलोचना की थी।
आज रविवार को स्वामी रामदेव व्यास पीठ पर बैठे मोरारी बापू को नमन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद माइक भी संभाला। अपने सम्बोधन में स्वामी रामदेव ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मैं आज किसी की आलोचना का उत्तर देने के लिए नहीं आया हूं। न मुझे इतनी फुर्सत है। बापू राष्ट्र संस्कृति के धरोहर हैं, महापुरुष हैं। बापू की आलोचना कोई भी विधर्मी मुसलमान, ईसाई और कम्युनिस्ट करे तो लगता है कि यह तो विरोध कर रहे होंगे, लेकिन जिन्हें हम सनातनी कहते हैं, वह लोग तनातनी क्यों करते हैं। यह सनातनी संस्कृति नहीं है।