प्रयागराज,2 फरवरी 2025
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल में अनावश्यक देरी होने पर अभियुक्त को राहत पाने का अधिकार है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि अभियुक्त लंबे समय से जेल में बंद है और ट्रायल जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है, तो उसे जमानत मिलनी चाहिए। इस फैसले के तहत, हत्या के आरोप में 7 साल 9 महीने से जेल में बंद अभियुक्त को सशर्त जमानत दी गई। हाई कोर्ट के जस्टिस कृष्ण पहल ने यह आदेश पारित करते हुए अभियुक्त को व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति के आधार पर रिहा करने का निर्देश दिया।
गोरखपुर जिले के झंगहा थाना क्षेत्र के सर्वजीत सिंह की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने पाया कि ट्रायल में अब तक 16 में से केवल 3 गवाहों का ही परीक्षण हुआ है, जबकि तीन सहअभियुक्त अब भी फरार हैं। ट्रायल 25 अक्टूबर 2019 से लंबित है, जिससे अभियुक्त को अनुचित रूप से लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के भागने या गवाहों पर दबाव डालने का कोई ठोस आधार नहीं है, इसलिए उसे राहत दी जानी चाहिए।