
आगरा,29 अक्टूबर 2024
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक पूर्व जिला जज, सुभाष कुलश्रेष्ठ, अपनी प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए 3 घंटे तक थाने में बैठे रहे, लेकिन उनकी शिकायत नहीं सुनी गई। थाने के मुंशी ने कहा कि इंस्पेक्टर के आने के बाद ही मामला दर्ज होगा। जज मंगलवार सुबह 3:30 बजे दयालबाग में अपने खेतों की ओर जा रहे थे, तभी राधा नगर के पास एक तेज रफ्तार कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। हादसे में वे बाल-बाल बच गए, जबकि आरोपी चालक शराब के नशे में था।
पूर्व जिला जज सुभाष कुलश्रेष्ठ ने बताया कि आरोपी युवक नशे में झूम रहा था और जब लोग मदद के लिए आए, तो उन्होंने भीड़ को धमकाना शुरू कर दिया, कहता रहा कि उसका भाई बदमाश है और अगर उसे नहीं छोड़ा गया, तो “अंजाम बुरा होगा।” सेवानिवृत्त जज और स्थानीय लोगों ने उसे पकड़कर थाने पहुंचाया, जहां उसकी गाड़ी से शराब की बोतलें मिलीं और गाड़ी की सीट के नीचे शराब फैली हुई थी।
जब जज ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी, तो थाने के मुंशी ने कहा कि मामला दर्ज नहीं हो सकेगा क्योंकि इंस्पेक्टर सुबह 12 बजे के बाद ही आएंगे। जज ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह किस तरह का तरीका है, जबकि मुंशी ने स्पष्ट किया कि इंस्पेक्टर रात में नहीं आते हैं। इस कारण जज को 3 घंटे तक थाने में बैठना पड़ा।
पूर्व जिला जज सुभाष कुलश्रेष्ठ ने बताया कि नशे में धुत युवक ने लोगों को धमकाया, कहकर कि उसका भाई बदमाश है। जज और स्थानीय लोगों ने उसे पकड़कर थाने पहुंचाया, जहां उसकी गाड़ी से शराब की बोतलें मिलीं। जब जज ने शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो मुंशी ने कहा कि मामला तब तक दर्ज नहीं होगा जब तक इंस्पेक्टर 12 बजे नहीं आएंगे। इस कारण जज को 3 घंटे तक थाने में बैठना पड़ा।






