
नई दिल्ली,17 मार्च 2025
दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रस्तावित एयर ट्रेन प्रोजेक्ट की गति धीमी है, और अब DIAL ने इस परियोजना के लिए EoI जमा करने की आखिरी तारीख एक महीने बढ़ाकर 16 अप्रैल 2025 कर दी है। यह विस्तार उन कंपनियों के अनुरोध पर किया गया है जो इस ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) परियोजना में रुचि दिखा रही हैं। यह एयर ट्रेन टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2-3 को जोड़ेगी, जिससे यात्रियों की परेशानी कम होगी। फिलहाल, ट्रांजिट यात्रियों के लिए बस सेवा बढ़ाई जा रही है, और कनेक्टिंग फ्लाइट लेने वालों के चेक-इन बैगेज को एयरसाइड ट्रांसफर किया जाएगा, ताकि उन्हें बस में सामान ले जाने की जरूरत न पड़े।
यह परियोजना मार्च 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसे दोनों दिशाओं में चलाया जाएगा, और शुरुआत में प्रतिदिन 40,000-50,000 यात्रियों के उपयोग का अनुमान है, जिसे बाद में 80,000-90,000 तक बढ़ाया जाएगा। ट्रांसफर यात्रियों के लिए यह सेवा मुफ्त होगी, लेकिन अन्य यात्रियों को इसके लिए भुगतान करना होगा। प्रस्तावित 7.7 किमी लंबे रूट में 75% हिस्सा एलिवेटेड होगा, जबकि 2 किमी का भाग जमीनी स्तर पर रहेगा। कार्गो टर्मिनल को जोड़ने के लिए एक स्काईवॉक भी प्रस्तावित है। लागत बढ़ने से बचने के लिए अंडरग्राउंड सेक्शन नहीं बनाया जाएगा।
भारत में मेट्रो निर्माण लागत को देखते हुए इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1,500-1,600 करोड़ रुपये हो सकती है। इसमें ट्रेन, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल और सिविल वर्क जैसी सभी लागतें शामिल हैं। मोदी सरकार के दौरान विमानन मंत्रालय ने एयरपोर्ट ऑपरेटर को यात्रियों से पहले शुल्क लेने की अनुमति नहीं दी थी, बल्कि पहले परियोजना को पूरा कर उसके बाद लागत वसूलने को कहा था।






