
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 7 सितंबर 2025 :
पूरे देश में आज रात साल 2025 का दूसरा व आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण से ही पितृपक्ष की शुरुआत भी हो रही है। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण रात 9.58 बजे शुरू होकर रात 1.26 बजे तक चलेगा। हिंदू धर्म में ग्रहण के समय को अशुद्ध काल माना जाता है इसलिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इसी के तहत आज दोपहर में 12.30 बजे से ही अयोध्याधाम स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए अब श्रद्धालु सोमवार को सुबह मंगला आरती के बाद ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भादो पूर्णिमा पर लग रहा है। चंद्रग्रहण रविवार की रात 9.58 बजे आरंभ होगा और रात 1.26 बजे समाप्ति होगा चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले दोपहर को 12.57 बजे शुरू हो जाएगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगने वाला है। इसी तिथि से श्राद्धपक्ष भी शुरू हो रहे हैं। चंद्र ग्रहण का सूतक लगने के बाद पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं इसलिए ज्योतिषविदों की सलाह है कि सूतक लगने से पहले ही पितरों का श्राद्ध और पिंडदान कर लें। सूतक दोपहर 12.57 बजे लगेगा। आपको इससे पहले ही श्राद्ध, पिंडदान करना होगा।
हिंदू धर्म में ग्रहण के समय को अशुद्ध काल माना जाता है। इसी को “सूतक” कहा जाता है। मान्यता है कि इस दौरान राहु और केतु जैसे छाया ग्रह चंद्रमा (या सूर्य) पर प्रभाव डालते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इसी कारण मंदिरों के कपाट ग्रहण की अवधि में बंद कर दिए जाते हैं ताकि इस अशुद्ध ऊर्जा का प्रभाव मंदिर की पवित्रता और भगवान की मूर्तियों पर न पड़े। ग्रहण के दौरान भगवान को न तो छुआ जाता है, न भोग लगाया जाता है और न ही आरती की जाती है। इसलिए परंपरागत रूप से मंदिरों के कपाट ग्रहण शुरू होने से पहले बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्ति के बाद शुद्धिकरण के बाद ही खोले जाते हैं।
इसी को देखते हुए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपने एक्स हैंडल से श्रद्धालुओं के लिए सूचना जारी की है। इज़के तहत कहा गया है कि भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा 7 सितम्बर रविवार को चन्द्रग्रहण के कारण श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन अपराह्न 12.30 बजे तक ही होंगे। अगले दिन सोमवार 8 सितम्बर को प्रातः मंगला आरती पश्चात ही मंदिर के पट भक्तों के लिए खुलेंगे। इधर ज्योतिषविद बताते हैं कि चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र या इस्तेमाल होने वाली चीजें दान करना शुभ होता है। ग्रहण खत्म होने के बाद आप चावल, दूध, चीनी, घी, वस्त्र या सामर्थ्य के अनुसार चांदी भी दान कर सकते हैं।






