Uttar Pradesh

बाघिन ने हमला कर पांच लोगों की ली थी जान… अब जू के पिंजरों में काटनी होगी ‘उम्रकैद’

पीलीभीत/लखीमपुर खीरी, 26 जुलाई 2025

यूपी के पीलीभीत व लखीमपुर खीरी जिलों के साथ उत्तराखंड तक दहशत फैलाने वाली बाघिन वन विभाग की पकड़ में आ गई है। खुले इलाकों में इंसानों के लिए खतरा बनी ये बाघिन अभी तक पांच लोगों की जान ले चुकी है। इसी खातिर वन्य जीव विशेषज्ञों ने फैसला लिया है कि इसे जू में रखना ही बेहतर होगा। फिलहाल उसके जरूरी मेडिकल टेस्ट चल रहे हैं। इसके बाद इसे जू में ‘उम्रकैद’ जैसी सजा काटनी होगी।

बता दें कि पीलीभीत में 5 इंसानों को खा जाने वाली बाघिन को लेकर दर्जनों गांवों में दहशत फैली थी। कभी लखीमपुर कभी पीलीभीत यहां तक उत्तराखंड तक घूमने वाली इस बाघिन को वन विभाग काफी समय से पकड़ने की फिराक में था। वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने का ऑपरेशन थर्ड आई अभियान शुरू किया। 20 टीमें बनाकर 80 कर्मचारियों को शामिल किया गया।

खोजबीन के दौरान टीम को बाघिन की लोकेशन पीलीभीत के डांडिया गांव के पास मिली। 4 ड्रोन कैमरों की मदद से बाघिन के मूवमेंट को खंगाला गया। एक खेत में दिखने के बाद टीम ने इलाके को घेर लिया। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सक दक्ष गंगवार और कानपुर के डॉक्टर नासिर ने बाघिन को ट्रेंक्युलाइज किया। नशे की डॉट (गोली) लगने के बाद बाघिन बेहोश हो गई। इसके बाद गुरुवार की शाम उसे पिंजरे में कैद किया गया

बाघिन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व स्थित सेफ हाउस में रखा गया है। उसके मेडिकल टेस्ट चल रहे हैं।
बताया गया कि बाघिन ने 14 और 17 जुलाई के बीच दो किसानों पर हमला कर उनकी जान ले ली थी। इससे पहले 14 मई से 9 जून के बीच तीन लोगों पर हमला कर उन्हें खा गई थी। बाघिन पकड़े जाने के बाद से काफी गुस्से में है।

इंसानों पर हमला करने की वजह के बारे में वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि बाघिन की उम्र 3 साल है
इसका वजन ढाई कुंतल के आसपास है। ये बाघिन घुमक्कड़ मिजाज की थी। डेढ़ साल की उम्र में ही अपनी मां से अलग हो गई थी। इसे तभी से अकेला देखा गया इसीलिए ये बड़े जानवरों का शिकार करना नहीं सीख पाई। छोटे जानवरो कुत्ता बकरी का शिकार करने लगी। इसके बाद इंसानों को शिकार बनाया। इंसान इनके लिए सॉफ्ट टारगेट होते हैं। बाघिन पहले शांत थी लेकिन तब लोग इसको डराते थे। डंडे और पत्थर से मारते थे। उसके बाद से इसका नेचर चिड़चिड़ा हो गया। वन्य जीव विशेषज्ञ मानते हैं कि गिरफ्त में आई बाघिन को फिर से प्राकृतिक माहौल वाले जंगल में छोड़ना घातक होगा। इसके लिए उसे कानपुर या लखनऊ जू में रखा जाएगा। जहां उसे सलाखों के पीछे ‘उम्रकैद’ जैसी सजा काटनी होगी।

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