
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 17 मार्च 2025:
यूपी में हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल हुए युवाओं ने ये संदेश एक बार फिर प्रासंगिक कर दिया कि लक्ष्य साधकर किया गया परिश्रम मंजिल तक पहुंचा देता है। इसी जज्बे को लेकर एक साथ चले परिवार के तीन बेटों ने अपने दिन रात तैयारी में झोंक दिए और कामयाबी हासिल कर ली। पूरा कुनबा खुश है। ये लोग असफल होने वाले युवाओं को भी निराश होकर गलत कदम उठाने की जगह फिर से संघर्ष करने को कहते हैं।
घर में रहकर की तैयारी, नहीं ली कोचिंग और बाहरी आर्थिक मदद
पुलिस भर्ती परीक्षा में कामयाब होने वाले तीनो भाई धीरज पाल, नीरज व अमन गोरखपुर जिले की तहसील चौरीचौरा क्षेत्र के ग्राम दुबरिया के पाल टोला में रहते है। इनके स्व.बाबा सेना में थे। पिता राजकिशोर पाल लखनऊ पीएसी में तैनात हैं। मां का नाम आशा है। इनके चाचा लालमन पाल कहते हैं कि सभी ने कड़ी मेहनत की। यहां तक कि शादी ब्याह बर्थडे या किसी अन्य फंक्शन पर ध्यान कम दिया सिर्फ पढ़ाई और शारीरिक तैयारियों पर ध्यान दिया। हमें बाहर से कोई आर्थिक मदद नहीं लेनी पड़ी सब अपनी मेहनत के बूते पर सफल हुए है। वहीं मां आशा भी कहतीं हैं कि सारे बच्चों ने घर मे ही रहकर पूरी पढ़ाई की।
असफल हुए अभ्यर्थियों से कहा-गलत कदम उठाने से पहले माता-पिता के बारे में सोचिए
सफल हुए अभ्यर्थी अमन पाल कहते हैं कि हमारे परिवार ने पूरा सहयोग किया। सेना में रहे बाबा से बहुत प्रेरणा मिली। हमारे आसपास गांव व समाज के लोग शिक्षा पर पूरा जोर देते है। मुझे ये सुनकर बहुत दुख हुआ कि एक दो लोगों ने सफलता न मिलने पर सुसाइड कर लिया ऐसा नहीं करना चाहिए। जीवन एक संघर्ष है। एक एग्जाम क्वालीफाई नहीं हुआ फिर कोशिश करिये। अपने माता पिता के बारे में सोचिए। हार नहीं मानिए संघर्ष जारी रखिये सफलता मिलकर रहेगी।






