Uttar Pradesh

यूपी : जनकल्याण के कामों पर बजट खर्च करने में कई विभाग फिसड्डी

लखनऊ, 8 नवंबर 2024:

यूपी में जनकल्याण के कार्यों और योजनाओं के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले भारी भरकम बजट का इस्तेमाल करने में नौकरशाही फिसड्डी साबित हो रही है। इसके चलते कई विभाग इस वित्तीय वर्ष में अक्टूबर तक बहुत कम बजट खर्च कर सके हैं। इस स्थिति पर विभागीय मंत्रियों ने भी आंख मूंद रखी है ।

वित्तीय अनुशासनहीनता का इस वित्तीय वर्ष में भी बड़ा उदाहरण सामने आया है। अक्टूबर माह बीत गया लेकिन अधिकांश विभागों के बजट का 20 प्रतिशत हिस्सा भी खर्च नहीं किया जा सका हैं।

विधानसभा से लंबा चौड़ा बजट पास करवाने वाले अधिकारी अपने विभागों में जन कल्याण और विकास कार्यों के लिए धन आवंटित नहीं होने दे रहे हैं। ये सिलसिला कई साल से जारी है। हैरत की बात है कि किसी भी अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव पर कभी कार्रवाई नहीं हुई।

यूपी में अक्टूबर तक खर्च बजट

एमएसएमई : 13 %

आवास विभाग : 14%

नगर विकास : 20%

पीडब्ल्यूडी : 23.5%

सिंचाई विभाग : 24%

ग्राम्य विकास : 26%

इंडस्ट्री विभाग : 33%

स्वास्थ्य विभाग : 36%

कृषि विभाग : 38%

बेसिक शिक्षा : 43%

खास बात ये है कि ये जो बजट खर्च भी किया है वो कमिटेड एक्सपेंडिचर है यानी वेतन, भत्ता, मेंटिनेंस, अन्य व्यवस्था चलाने के खर्चे। विकास की योजनाओं पर खर्च तो बहुत ही कम हुआ है। खर्च हुआ बजट कर्मचारियों और अधिकारियों के ही ऊपर हो गया।

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