
लखनऊ, 20 मार्च 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्त कदम उठाते हुए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव एवं इंवेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया। उन पर एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी का प्रोजेक्ट मंजूर करने के लिए घूस मांगने का आरोप है। इस मामले में गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई और बिचौलिए निकांत जैन को गिरफ्तार किया गया है।

प्रोजेक्ट की लागत का 5 प्रतिशत मांगा कमीशन
सूत्रों के अनुसार सीनियर आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश ने कंपनी संचालकों को निकांत जैन से संपर्क करने को कहा था। निकांत ने प्रोजेक्ट की कुल लागत का 5 प्रतिशत कमीशन मांगा था। कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दास ने इस मामले की शिकायत मुख्य सचिव से की, जिसके बाद मामले की गोपनीय जांच हुई। आरोप सही पाए जाने पर मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई और कार्रवाई का आदेश दिया गया।
अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विभागीय जांच शुरू
निकांत जैन की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ कि वह अभिषेक प्रकाश के कहने पर रिश्वत मांग रहा था। एसटीएफ ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी, जिसके बाद अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ विभागीय जांच जारी है।
औद्योगिक विकास विभाग में लगातार दूसरी बड़ी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब औद्योगिक विकास विभाग के किसी अधिकारी पर कार्रवाई हुई है। दिसंबर 2024 में तत्कालीन प्रमुख सचिव अनिल सागर को भी इसी तरह के आरोपों के चलते हटाया गया था। यूपी के मुख्य सचिव के करीबी माने जाने वाले अभिषेक प्रकाश और अनिल सागर की नियुक्ति भी उन्हीं की पैरवी से हुई थी।
इंवेस्ट यूपी में लंबित अन्य प्रकरणों की होगी जांच!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई बार स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार और फाइलें लटकाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार अब इंवेस्ट यूपी में लंबित अन्य प्रकरणों और विकास प्राधिकरणों में लंबित फाइलों की भी जांच कराने की तैयारी कर रही है।






