Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ में एक साथ होंगे नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव, राज्य सरकार लेगी अंतिम निर्णय

रायपुर,15 अक्टूबर 2024

छत्‍तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एकसाथ होंगे। आइएएस ऋचा शर्मा की कमेटी ने इसके लिए अनुशंसा कर दी है। हालांकि, इसपर अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेनी है। दरअसल, प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होना है। दोनों चुनावों को एकसाथ कराने की संभावना का अध्ययन के लिए राज्य सरकार ने आईएएस ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी का गठन आठ अगस्त को किया गया था। अब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। कमेटी ने दोनों चुनाव एकसाथ कराए जाने की अनुशंसा की है।

बताया जाता है कि दोनों चुनाव एकसाथ कराने का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। दोनों चुनावों की घोषणा एकसाथ होगी लेकिन पंचायत और निकाय के लिए नामांकन की तिथियां अलग-अलग रहेंगी। मतदान के लिए भी तिथियां अलग-अलग घोषित की जाएंगी। लेकिन, दोनों चुनावों की मतगणना एकसाथ होगी।

बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी थी। दोनों राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने भी रणनीति बनाकर तैयारी शुरू कर दी थी। अधिकांश निकायों में कांग्रेस का कब्जा है, जिसकों बचाने की चुनौती है।

कमेटी की अनुशंसा के पीछे यह है उद्देश्य

प्रदेश में एकसाथ चुनाव कराने के लिए कमेटी की अनुशंसा के पीछे का उद्देश्य यह है कि इससे समय और धन का बचत होगा। पूरे देश में भी वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा चल रही है। अलग-अलग चुनाव कराए जाने से विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है

निकाय चुनावों पर पड़ेगा असरअधिकारियों का कहना है कि दोनों चुनाव एकसाथ होने से थोड़ा असर पड़ेगा। पिछली बार निकाय चुनाव के लिए नवंबर और पंचायत के लिए मार्च में कार्यक्रम जारी किया गया था। इस बार दोनों चुनावों के लिए नवंबर में कार्यक्रम जारी हो सकता है।

छत्‍तीसगढ़ में गरमाई राजनीति, भाजपा पर कांग्रेस ने लगाए आरोपनगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एकसाथ कराए जाने को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नही है लेकिन राजनीतिक सियासत तेज हो गई है। भाजपा पर कांग्रेस ने एकसाथ चुनाव कराकर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव का कहना है कि समिति का गठन किया गया था, जिसने रिपोर्ट सौंप दी है। जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। एकसाथ चुनाव कराए जाने से धन और समय दाेनों बचेगा।

वहीं, पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिव डहरिया का कहना है कि दोनों चुनाव एकसाथ कराना व्यवहारिक नहीं है। भाजपा को फायदा पहुंचाने एकसाथ चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है। भाजपा हर जगह राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करती है। दोनों चुनाव का समय अलग-अलग है। ऐसे में एकसाथ कैसे कराया जा सकता है। ये व्यवहारिक नहीं है।

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